Bihar Tourism : कश्मीर के डल झील की तर्ज पर बिहार के इस डैम में चलेंगे हाउसबोट, एसी कमरे के साथ मिलेगी कई सुविधाएं
Bihar Tourism : कश्मीर के डल झील की तर्ज पर बिहार के इस डैम में भी शिकारे चलाये जायेंगे. जिनमें कई सुविधाएं मौजूद रहेंगी....पढ़िए आगे
 
                            SASARAM : रोहतास जिले का दुर्गावती जलाशय अब बिहार के पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से उभरने जा रहा है। शिकारे पर सफर करने की ख्वाहिश रखने वालों को अब कश्मीर जाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह सपना अब यहीं बिहार में पूरा होने वाला है। यहां न तो कड़ाके की ठंड होगी और न ही लंबी यात्रा की थकान। पूरे बिहार के रोहतास आधुनिक सुविधाओं से लैस दो हाउसबोट सेवा शुरू की जा रही है। दोनों हाउसबोट डैम में पहुंच चुके हैं और इसका उद्घाटन रविवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार करेंगे।
करमचट डैम पर रोमांचक सफर
करमचट डैम पर हाउसबोट यात्रा करने वालों को प्रकृति की अनोखी सुंदरता का अनुभव होगा। इस सफर में जहां कई झरनों का नजारा मिलेगा, वहीं डैम के चारों ओर फैली हरियाली इस यात्रा को और खास बनाएगी। पानी की लहरों पर यह सफर पर्यटकों के लिए सुकून और रोमांच का नया ठिकाना साबित होगा। यहां लोग शाम की ठंडी हवाओं और लहरों की थपकियों के बीच यादगार पल बिता सकेंगे।
हाउसबोट में होटल जैसी आधुनिक सुविधाएं
मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि फिलहाल हाउसबोट का ट्रायल चल रहा है। जल्द ही इसे पूरी तरह से टेस्ट कर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इन हाउसबोट में होटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद होंगी। एयर कंडीशन कमरे, आधुनिक बाथरूम, किचन समेत आरामदायक व्यवस्था होगी। एक हाउसबोट पर 8 से 10 लोग आसानी से ठहर सकते हैं। सैलानी प्राकृतिक वादियों और लहरों के बीच खाने-पीने का आनंद लेते हुए सुकून का समय बिता पाएंगे।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
डॉ. कुमार ने कहा कि इस नई सेवा से इलाके में पर्यटन गतिविधियों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। कैमूर पहाड़ी प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों से भरपूर है। हाउसबोट की शुरुआत से यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा होगा। इसका सीधा लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा। होटल, रेस्टोरेंट, गाइड, परिवहन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
बिहार के पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान
करमचट डैम अब सिर्फ पिकनिक और प्राकृतिक नजारों का ठिकाना नहीं रहेगा, बल्कि यह बिहार के पर्यटन मानचित्र पर एक लग्जरी और रोमांचक अनुभव के रूप में अपनी नई पहचान बनाएगा। यह पहल राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
रंजन की रिपोर्ट
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    