Navratri 2025: ताराचंडी धाम में महाअष्टमी पर उमड़ी श्रद्धा की गंगा, गुफा मंदिर में गूंजे माई के जयकारे

Navratri 2025: रोहतास जिले का ताराचंडी देवी धाम नवरात्रि की महाअष्टमी पर आज श्रद्धालुओं की अगाध आस्था का केंद्र बना हुआ है।

Navratri 2025: ताराचंडी धाम में महाअष्टमी पर उमड़ी श्रद्धा क
Navratri 2025: ताराचंडी धाम में महाअष्टमी पर उमड़ी श्रद्धा की गंगा, गुफा मंदिर में गूंजे माई के जयक- फोटो : NEWS 4 NATION

Navratri 2025: रोहतास जिले का ताराचंडी देवी धाम नवरात्रि की महाअष्टमी पर आज श्रद्धालुओं की अगाध आस्था का केंद्र बना हुआ है। कालरात्रि की आराधना के पावन अवसर पर प्राचीन गुफा मंदिर में सुबह तीन बजे से ही हजारों भक्त दर्शन एवं पूजन हेतु उमड़ पड़े।

पहाड़ी की गुफा में अवस्थित ताराचंडी देवी का यह धाम सदियों से आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। मान्यता है कि शारदीय नवरात्र में सच्चे हृदय से की गई मां की आराधना भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। यही कारण है कि नवरात्र के इन दिनों यहां दूर-दराज़ से श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते हैं।

सुबह से ही मंदिर परिसर “जय माता दी” के गगनभेदी उद्घोष से गूंजायमान रहा। भक्तजन दीप, फूल, नारियल और चुनरी अर्पित कर देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। पारंपरिक रीति के अनुसार मां को हलवा और पुरी का भोग लगाया गया।

ताराचंडी मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक भव्य मेला आयोजित होता है। इन दिनों यहां न केवल धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, बल्कि भक्तों का सांस्कृतिक संगम भी देखने को मिलता है। दिन-रात निरंतर होने वाले भजन-कीर्तन भक्तिमय वातावरण की सृष्टि कर रहे हैं।

यद्यपि वर्ष भर ताराचंडी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है, किन्तु शारदीय नवरात्रि में यहां की छटा निराली हो जाती है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि मां ताराचंडी की कृपा से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

आज महाअष्टमी पर जिस प्रकार श्रद्धालुओं का जनसैलाब ताराचंडी धाम में उमड़ा, वह न केवल मां कालरात्रि की महिमा का प्रत्यक्ष प्रमाण है, बल्कि इस भूमि की जीवंत धार्मिक परंपरा का भी द्योतक है।

रिपोर्ट- रंजन कुमार