Pawan Singh Wife Jyoti Singh: भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी के होटल में देर रात प्रशासन ने की छापेमारी, ज्योति सिंह ने लगाए चौकाने वाले आरोप
Pawan Singh Wife Jyoti Singh: काराकाट विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहीं ज्योति सिंह के होटल में देर रात प्रशासनिक टीम ने छापेमारी की।
Pawan Singh Wife Jyoti Singh: काराकाट विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहीं ज्योति सिंह के होटल में देर रात प्रशासनिक टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई बिक्रमगंज स्थित उस होटल में की गई, जहां ज्योति सिंह ठहरी हुई थीं। छापेमारी की खबर फैलते ही इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गई।
ज्योति सिंह ने आरोप लगाया कि यह रेड राजनीतिक दबाव और साज़िश के तहत कराई गई है। उनके मुताबिक बिना किसी महिला पुलिस फोर्स के कमरे में छापेमारी की गई, ताकि मानसिक रूप से परेशान किया जा सके।
फ़िलहाल पुलिस-प्रशासन की ओर से इस कार्रवाई को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि विपक्षी गुट इसे चुनावी दबाव से जोड़कर देख रहा है।

बता दें बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में रोहतास जिले की काराकाट सीट अचानक पूरे प्रदेश की सुर्खियों में आ गई है। वजहभोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह का राजनीति में धमाकेदार प्रवेश।निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर उन्होंने काराकाट के सियासी समीकरणों को जड़ से हिला दिया है। जो सीट अब तक सीधी टक्कर में थी, वह अब त्रिकोणीय मुकाबले के मैदान में बदल चुकी है।नामांकन के दौरान ज्योति सिंह ने यह दावा किया कि वे “काराकाट की बहू” हैं और जनता के भरोसे चुनाव लड़ रही हैं। ग्राउंड में उनकी लोकप्रियता, खासकर महिलाओं और युवा वोटरों में, चर्चा का विषय बनी हुई है।
पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच चल रहे निजी विवाद ने चुनाव को और हाई-वोल्टेज बना दिया है। सोशल मीडिया पर शब्दों की लड़ाई से लेकर पत्रकारों के सवालों तक, ये मुद्दा लगातार चर्चा में है।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भावनात्मक वोट, सोशल मीडिया लहर और स्टार फैक्टर ने मुकाबले में रोमांच भर दिया है।
2020 में इस सीट पर भाकपा (माले) के अरुण सिंह ने भाजपा के राजेश्वर राज को 18,189 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।महागठबंधन इस सीट को दोबारा जीतकर अपना वर्चस्व साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। दूसरी तरफ ज्योति सिंह के उतरने से परंपरागत जातीय गणित और वोट ट्रांसफर के समीकरण उलझ गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि काराकाट में इस बार जीत का रास्ता बेहद संकरा हो गया है।दिग्गज पार्टियां सतर्क हैं, युवा वोटर उत्साहित हैं, और जनता की नजर चुनावी मैदान पर टिकी हुई है।नतीजा चाहे जो हो, लेकिन इतना तय है काराकाट इस चुनाव का सबसे चर्चित रणभूमि बन गया है।
रिपोर्ट- रंजन सिंह राजपूत