रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के जिगनी ग्राम में एक अद्भुत प्रेम कहानी सामने आई है, जहां 85 वर्षीय अवध बिहारी पांडेय और उनकी 83 वर्षीय पत्नी देवमातो देवी ने जीवनभर साथ निभाने की कसम को अंतिम सांस तक निभाया। शादी के बाद लगभग साढ़े छह दशक तक एक-दूसरे का साथ निभाने के बाद दोनों ने आधे घंटे के अंतराल पर ही प्राण त्याग दिए।
बेटों ने निभाया अटूट बंधन
माता-पिता के प्रेम और अटूट संबंध को उनके दोनों पुत्रों ने तब और भी मजबूत कर दिया, जब दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर बक्सर के मुक्तिधाम में किया गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है।
पति की मौत का सदमा, पत्नी ने भी त्यागे प्राण
दंपती के बड़े पुत्र कमलेश पांडेय के अनुसार, शनिवार की सुबह उनके पिता अचानक गिर पड़े और उन्हें हल्की चोट आई। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घर में जब मां को पिता की मौत की खबर मिली, तो उन्होंने भी तुरंत आंखें बंद कर लीं। घर के लोग कुछ समझ पाते, तब तक उनकी भी मृत्यु हो गई।
गांव में गूंज रही है प्रेम और समर्पण की कहानी
गांव के लोग इस घटना को सच्चे प्रेम की मिसाल बता रहे हैं। अवध बिहारी पांडेय और उनकी पत्नी का जीवन और मृत्यु यह दर्शाती है कि सच्चा प्रेम केवल जीवनभर साथ निभाने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि अंतिम सांस तक साथ देता है। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। गांव के लोग इस बुजुर्ग दंपती की यादों को सहेजने और उनके प्रेम को प्रेरणा के रूप में देखने की बात कर रहे हैं।
वेलेंटाइन वीक में सच्चे प्रेम की मिसाल
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस बुजुर्ग दंपती ने वेलेंटाइन वीक में हमसफर प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की। गांव के लोग इसे सच्चे प्रेम की परिभाषा बता रहे हैं। गांव के बुजुर्ग रासबिहारी पांडेय ने बताया कि ऐसी घटनाएं केवल फिल्मों में देखने को मिलती हैं, लेकिन यहां एक वास्तविक प्रेम कहानी लिखी गई। अंतिम संस्कार में गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए और इस अनोखे प्रेम को श्रद्धांजलि दी।
परिवार में प्रेम और एकता की प्रेरणा
दोनों पुत्रों का कहना है कि माता-पिता के प्रेम ने पूरे परिवार को प्रेरणा दी है। आज भी उनके परिवार में आपसी प्रेम और एकता बनी हुई है। गांव से लेकर बक्सर तक शव यात्रा के दौरान इस अनोखे प्रेम की कहानी चर्चा का विषय बनी रही।
रिपोर्ट- रंजन सिंह राजपूत