गरीबों की झोपड़ी पर 'सरकारी बुलडोजर' का कहर, रसूखदारों के पक्के मकानों पर चुप्पी? रोहतास में भड़का जनाक्रोश, सड़क पर आगजनी
बुलडोजर एक्शन पर भारी बवाल! बुडको प्रोजेक्ट के लिए गरीबों के घर तोड़े जाने पर भड़का गुस्सा। लोगों ने सड़क पर आगजनी कर पूछा- अमीरों के पक्के अवैध निर्माण पर प्रशासन खामोश क्यों? देखिए, सुशासन की एकतरफा कार्रवाई की हकीकत।
Dehri - बिहार में 'सुशासन' का बुलडोजर क्या सिर्फ गरीबों के लिए है? यह सवाल आज रोहतास जिले के डेहरी में तब सुलग उठा, जब प्रशासन की कार्रवाई से बेघर हुए सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए। बुडको (BUDCO) प्रोजेक्ट के नाम पर कल जख्खी बिगहा में गरीबों के आशियाने तो उजाड़ दिए गए, लेकिन आज गुस्साए लोगों ने डेहरी के कैनाल रोड को जाम कर आगजनी की और सरकार की 'दोगली नीति' की पोल खोल दी।
अमीरों को छूट, गरीबों को लूट?

सड़क पर उतरे पीड़ितों ने प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर सिर्फ मिट्टी के घरों और झोपड़ियों को निशाना बनाया गया है।
इसी इलाके में कई प्रभावशाली लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्के मकान और बड़े स्ट्रक्चर खड़े कर रखे हैं, लेकिन प्रशासन की जेसीबी (JCB) वहां जाते ही खामोश हो जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अतिक्रमण हटाने का नियम सिर्फ कमजोर तबके के लिए है? अमीरों के अवैध निर्माण पर प्रशासन की आंखें क्यों बंद हैं?
क्या है पूरा मामला?

दरअसल, डेहरी में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए बुडको द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसी के तहत कल (15 दिसंबर) प्रशासन ने जख्खी बिगहा कैनाल रोड के किनारे अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था। इस दौरान दर्जनों कच्चे मकानों को जमींदोज कर दिया गया, जिससे कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए।
सड़क पर संग्राम
सिर से छत छिन जाने के बाद आज (16 दिसंबर) बेघर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कैनाल रोड को पूरी तरह जाम कर दिया और बीच सड़क पर टायर जलाकर आगजनी की। प्रदर्शनकारी तत्काल आवास और मुआवजे की मांग कर रहे थे।
हालांकि, मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया, लेकिन गरीबों के जेहन में यह सवाल अब भी जिंदा है कि आखिर कानून का डंडा सिर्फ उन पर ही क्यों?
डेहरी (रोहतास) | रंजन कुमार की रिपोर्ट