"सवाल ही पैदा नहीं होता!": पार्टी में टूट की खबरों पर भड़के उपेंद्र कुशवाहा, पत्रकारों को ही दे डाली नसीहत
"पार्टी में टूट की खबरों पर उपेंद्र कुशवाहा का कड़ा रुख" राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी में किसी भी प्रकार की फूट या टूट की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी में किसी भी प्रकार की फूट या टूट की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। शुक्रवार को सासाराम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी एकजुट है और टूट का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। कुशवाहा ने मीडिया द्वारा पूछे जा रहे इन सवालों को 'बेवजह' करार दिया और नसीहत देते हुए कहा कि पत्रकारों के पास कोई ठोस या वाजिब सवाल नहीं बचा है, इसलिए ऐसी चर्चाएं की जा रही हैं।
विधायकों की अनुपस्थिति और मुलाकातों पर सफाई
हाल ही में पटना में आयोजित 'लिट्टी-चोखा' पार्टी में तीन विधायकों—रामेश्वर कुमार महतो, माधव आनंद और आलोक सिंह—के शामिल न होने से अटकलों को बल मिला था। इसके साथ ही इन विधायकों की भाजपा नेता नितिन नबीन के साथ वायरल हुई तस्वीरों ने सियासी हलचल तेज कर दी थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कुशवाहा ने कहा कि कार्यक्रम में किसी का न आना कोई मुद्दा नहीं है और इसे लेकर चर्चा करना व्यर्थ है। उन्होंने अपने विधायकों की निष्ठा पर भरोसा जताते हुए इसे केवल एक अफवाह बताया।
सियासी नाराजगी और भविष्य की चुनौतियां
भले ही उपेंद्र कुशवाहा इन खबरों को नकार रहे हों, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पार्टी के भीतर असंतोष गहरा है। बताया जा रहा है कि कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को बिना विधायक या एमएलसी रहते हुए मंत्री बनाए जाने से अन्य विधायक नाराज हैं। गौरतलब है कि पार्टी के कुल चार विधायकों में से एक कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता हैं, जबकि शेष तीन विधायकों की नाराजगी पार्टी के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। यदि ये तीन विधायक अलग होते हैं, तो राष्ट्रीय लोक मोर्चा विधानसभा में अलग-थलग पड़ सकती है।