Bihar News : प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने दिखाई ताकत, बिक्रमगंज में विशाल रैली कर किया परिसीमन सुधार की मांग
Bihar News : आगामी 30 मई को रोहतास जिले के विक्रमगंज में पीएम मोदी का कार्यक्रम होना है. इसके पहले उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी ताकत दिखाई है. उन्होंने ‘संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार रैली’ का आयोजन किया.....पढ़िए आगे

SASARAM : आगामी 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिक्रमगंज दौरे से पहले राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। इसी क्रम में रविवार को रालोमो (राष्ट्रीय लोक जनता दल) के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने बिक्रमगंज के इंटर कॉलेज मैदान में विशाल जनसभा कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। ‘संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार रैली’ के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी, जिसे देखकर उपेंद्र कुशवाहा ने मंच से उपस्थित जनता का अभिवादन करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार को उसका हक मिले।
कुशवाहा ने उठाई जनसंख्या आधारित परिसीमन की मांग
अपने संबोधन में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि भारतीय संविधान में यह प्रावधान है कि हर जनगणना के बाद जनसंख्या के अनुपात में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले तीन बार ऐसा हुआ है जब जनगणना के आधार पर क्षेत्रों की संख्या में इजाफा हुआ, लेकिन इमरजेंसी के दौरान इस प्रक्रिया को 25 वर्षों के लिए रोक दिया गया था। बाद में 2001 में इसे फिर से 25 वर्षों के लिए स्थगित कर दिया गया। अब यह समय सीमा 2026 में समाप्त हो रही है और संविधान के पुराने प्रावधानों के तहत नए सिरे से परिसीमन की आवश्यकता है।
बिहार को हो रहा भारी नुकसान – उपेंद्र कुशवाहा
रैली को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि यदि 2011 की जनगणना को आधार बनाया जाए तो बिहार में लोकसभा की सीटों की संख्या 40 से बढ़कर 60 हो सकती है, और विधानसभा सीटें भी बढ़ेंगी। इससे पिछड़े वर्गों और वंचित समुदायों को राजनीतिक भागीदारी का अधिक अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि परिसीमन नहीं होने से बिहार और उत्तरप्रदेश जैसे बड़े जनसंख्या वाले राज्यों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में एक सांसद 10 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि बिहार जैसे राज्यों में एक सांसद पर 30 लाख से अधिक की जनसंख्या का बोझ है।
दक्षिणी राज्यों द्वारा विरोध पर जताई चिंता
कुशवाहा ने दक्षिणी राज्यों के परिसीमन विरोध पर चिंता जताई और कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लेकर किसी भी सीमा तक जाने को तैयार है। उन्होंने बिहार की सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे एकजुट होकर इस मुद्दे पर आंदोलन करें ताकि राज्य को उसका वाजिब हक मिल सके।
“ज्यादा सीटें मतलब ज्यादा विकास” – कुशवाहा
उन्होंने कहा कि अगर बिहार को ज्यादा लोकसभा सीटें मिलती हैं तो केन्द्र सरकार से अधिक विकास राशि आएगी, जिससे हर क्षेत्र का विकास संभव हो सकेगा। उन्होंने इसे बिहार के विकास और जनहित से जुड़ा मुद्दा बताया और कहा कि यह सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि सामाजिक न्याय का सवाल है।
कार्यक्रम में दिखी संगठन की मजबूती
बिक्रमगंज की इस विशाल रैली में रालोसपा के प्रदेश स्तरीय नेता, जिला अध्यक्ष कपिल कुमार, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष आलोक सिंह सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग शामिल हुए। यह रैली न केवल रालोसपा की संगठनात्मक मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे।
सासाराम से रंजन की रिपोर्ट