Voter Adhikar Yatra:बिहार की सियासत में उठी बवंडर, वोटर अधिकार यात्रा के 12वें दिन मिथिला बनी रणभूमि

महागठबंधन के दिग्गज नेता वोटर अधिकार यात्रा को लेकर पूरे जोश में हैं। गुरुवार को इस यात्रा का 12वां दिन है और सियासी पारा आसमान छू रहा है। ..

Voter Adhikar Yatra
वोटर अधिकार यात्रा के 12वें दिन मिथिला बनी रणभूमि - फोटो : social Media

Voter Adhikar Yatra: बिहार की राजनीति इस वक्त आग की लपटों पर सवार है। महागठबंधन के दिग्गज नेता वोटर अधिकार यात्रा को लेकर पूरे जोश में हैं। गुरुवार को इस यात्रा का 12वां दिन है और सियासी पारा आसमान छू रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जैसे बड़े चेहरे सीधे जनता के बीच उतरकर सियासत की जमीन को गरमा रहे हैं।

आज इस यात्रा का सबसे अहम पड़ाव सीतामढ़ी है, जहां राहुल-प्रियंका-तेजस्वी का काफिला पहुंच चुका है। सूत्रों के मुताबिक, तीनों नेता माता जानकारी मंदिर में पूजा-अर्चना कर जनता से सीधा संवाद कर सकते हैं। मिथिला की धरती पहले भी गांधी परिवार के लिए शुभ रही है। कभी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी यहां की जनता से सम्मान और समर्थन पा चुके हैं, और अब राहुल गांधी उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

बुधवार की रात से ही सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर था। रीगा, बैरगनिया से लेकर शहर तक कांग्रेस के झंडे और होर्डिंग्स सड़कों पर सियासी जंग का ऐलान कर रहे थे। रीगा के पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना के आवास पर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा रहा। कांग्रेस समर्थकों ने घर-घर तक संदेश पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया है। 

साफ है कि वोटर अधिकार यात्रा सिर्फ पैदल चलने का अभियान नहीं, बल्कि जनता के हक की लड़ाई का राजनीतिक बिगुल है। महागठबंधन इसे जन आंदोलन के रूप में पेश कर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष परोक्ष रूप से इस यात्रा को लेकर बेचैनी महसूस कर रहा है। भीड़, नारेबाजी और जोश यह साबित कर रहे हैं कि आने वाले चुनावी मौसम में बिहार की सियासत एक बार फिर गांधी-तेजस्वी फैक्टर से हिलने वाली है।

 मिथिला की गलियों से उठी यह गूंज अब पूरे बिहार में गूंजने लगी है। सवाल ये है  क्या यह यात्रा जनादेश की धारा मोड़ेगी या फिर सिर्फ एक सियासी शोभायात्रा बनकर रह जाएगी?