Bihar Police: सीतामढ़ी में बकरीद पर सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मियों ने दिखाई आलस! आ गए SP के रडार में, अब होगी बड़ी कार्रवाई
Bihar Police: सीतामढ़ी में बकरीद के दौरान ड्यूटी से नदारद आठ पुलिसकर्मियों पर एसपी अमित रंजन ने शोकॉज नोटिस जारी किया है। सुरक्षा व्यवस्था में कोताही पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।

Bihar Police: बकरीद पर्व को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीतामढ़ी पुलिस द्वारा विभिन्न चौक-चौराहों पर सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी। लेकिन त्योहारी सतर्कता के बीच पुलिस विभाग की लापरवाही सामने आ गई।एसपी अमित रंजन के निर्देश पर सदर एसडीपीओ रामकृष्णा ने जब मौके पर जाकर सुरक्षा बल की स्थिति का निरीक्षण किया, तो करीब आठ पुलिसकर्मी ड्यूटी स्थल से गायब मिले।
निरीक्षण से पहले मची हड़कंप, ड्यूटी छोड़ भागे मिले पुलिसकर्मी
जैसे ही एसडीपीओ निरीक्षण पर निकले, इसकी जानकारी पुलिसकर्मियों को मिलते ही हड़कंप मच गया। कई कर्मी जो ड्यूटी छोड़कर इधर-उधर थे, वे दौड़ते हुए लौटने की कोशिश करने लगे। लेकिन तब तक एसडीपीओ ने स्थिति को पूरी तरह समझ लिया था।
एसपी का सख्त रुख, शोकॉज नोटिस जारी
एसडीपीओ की रिपोर्ट मिलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। एसपी अमित रंजन ने तत्काल प्रभाव से सभी गैरहाजिर पुलिसकर्मियों को शोकॉज नोटिस जारी करने का आदेश दिया। मामले पर सीतामढ़ी एसपी अमित रंजन ने कहा कि जन सुरक्षा में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। त्योहारों के समय विशेष सतर्कता अपेक्षित है और लापरवाह कर्मियों पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
विभागीय कार्रवाई की तैयारी, जवाब नहीं देने वालों पर गिर सकती है गाज
सूत्रों की मानें तो जिन कर्मियों को शोकॉज नोटिस भेजा गया है, यदि वे निर्धारित समय में संतोषजनक उत्तर नहीं देते, तो उनके खिलाफ सस्पेंशन, वेतन कटौती या अन्य दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।यह मामला न केवल विभागीय अनुशासन का प्रश्न है, बल्कि जन सुरक्षा से भी सीधा जुड़ा हुआ है। ऐसे में पुलिस प्रशासन इसे कड़ी चेतावनी के रूप में भी देख रहा है।
बकरीद पर विशेष सुरक्षा के निर्देश पहले ही जारी
बकरीद को लेकर सीतामढ़ी प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड में था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के संवेदनशील इलाकों में विशेष गश्ती की गई थी। सीसीटीवी निगरानी बढ़ाई गई।प्रशासनिक अधिकारियों की टीमों को मैदान में उतारा गया था। इसलिए ऐसे मौके पर ड्यूटी से गायब रहना न केवल लापरवाही, बल्कि आपराधिक उदासीनता के तौर पर देखा जा रहा है।