Punaura Dham: मिथिला में इतिहास रचने को तैयार पुनौरा धाम, अयोध्या की तर्ज पर भव्य जानकी मंदिर का शिलान्यास, अमित शाह और नीतीश कुमार होंगे साक्षी
Punaura Dham:मिथिला की पावन धरती आज एक ऐतिहासिक और धार्मिक गौरव के क्षण की साक्षी बनने जा रही है।...

Punaura Dham:मिथिला की पावन धरती आज एक ऐतिहासिक और धार्मिक गौरव के क्षण की साक्षी बनने जा रही है। सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम में अयोध्या की तर्ज पर बनने वाले भव्य जानकी मंदिर का शिलान्यास आज श्रावण शुक्ल पूर्णिमा, उत्तराषाढ़ नक्षत्र और वृश्चिक लग्न में दोपहर 2 बजे से 3:10 बजे के शुभ मुहूर्त के बीच वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न होगा।
इस अद्वितीय अनुष्ठान का शिलान्यास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इस मौके पर देशभर से सैकड़ों की संख्या में साधु-संत, महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर और प्रमुख वैदिक विद्वान शामिल होंगे।
कार्यक्रम को लेकर पुनौरा धाम में भव्य तैयारियां की गई हैं। संत समाज ने देशभर से पवित्र पूजन सामग्री मंगवाई है जयपुर से चांदी का विशेष कलश, दिल्ली में निर्मित चांदी के पूजन बर्तन, दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों का प्रसाद, 21 तीर्थ स्थलों की मिट्टी और 31 नदियों का जल। इन सभी के संगम से भूमि पूजन विधिवत संपन्न कराया जाएगा।
जयपुर में तैयार हुआ चांदी का कलश इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है, जिसमें विशेष विधि से जल और मिट्टी भरकर पूजन स्थल पर स्थापित किया जाएगा। भारत के चारों धामों से आई मिट्टी और देश के प्रमुख तीर्थों का जल इस भूमि को और पवित्र बना देगा।
पूरे मिथिला क्षेत्र में इस आयोजन को लेकर उत्साह चरम पर है। राज्यभर के मंदिरों पटना के महावीर मंदिर, गया के विष्णुपद मंदिर, दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और अन्य जिलों में — लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु इस अद्भुत संगम के साक्षी बन सकें।
न्यास परिषद ने देशभर के संत-महात्माओं, प्रमुख कथावाचकों और वैदिक आचार्यों को व्यक्तिगत आमंत्रण भेजा है। वहीं, महामंडलेश्वर अखंड संत समिति के प्रतिनिधि और देश के बड़े धार्मिक मठों के प्रमुख भी शामिल होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आने-जाने वाले हर व्यक्ति की सघन तलाशी ली जा रही है और पुलिस-प्रशासन चौकन्ना है।
यह आयोजन केवल एक भूमि पूजन नहीं, बल्कि मिथिला की अस्मिता, आस्था और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनने जा रहा है एक ऐसा क्षण, जिसे पीढ़ियां याद रखेंगी।
अविनाश कुमार की रिपोर्ट