Bihar Teacher: नीतीश सरकार पर लगा बेलगाम अफसरशाही का आरोप, बिहार के शिक्षकों ने शुरू किया अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, जानें पूरी बात
Bihar Teacher: बिहार के सिवान में शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग की अनियमितताओं के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जानिए आंदोलन की मांगें, समर्थनकर्ता और प्रशासन की भूमिका।

Bihar Teacher: बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ, सिवान के बैनर तले सोमवार (2 जून) से सैकड़ों शिक्षक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।जिला मुख्यालय स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा परिसर, गोपालगंज मोड़ पर यह आंदोलन शिक्षा विभाग की अनियमितताओं और अफसरशाही के खिलाफ निर्णायक रूप ले रहा है।
आंदोलन का नेतृत्व संघ के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह कर रहे हैं, जबकि संचालन संजय सिंह और अध्यक्षता अशोक कुमार प्रसाद ने की।यह सिर्फ शिक्षकों के वेतन या सुविधाओं तक सीमित नहीं है। आंदोलनकारियों के अनुसार, यह शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार, ईपीएफ गड़बड़ी, नियुक्तियों की अनियमितता और अवकाश अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ है। भूख हड़ताल में जिले के सैकड़ों शिक्षक भाग ले रहे हैं। मामले पर जिलाध्यक्ष राकेश कुमार राकेश कुमार सिंह ने कहा कि यह लड़ाई हमारी नहीं, आने वाली पीढ़ी के शिक्षक और छात्रों के भविष्य की है।
आंदोलन को मिला राजनीतिक और सामाजिक समर्थन
समर्थन करने वाले प्रमुख नेता और संगठन में विधायक अमरजीत कुशवाहा (जीरादेई), कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील कुमार, राजद जिलाध्यक्ष बिपिन कुशवाहा, भाकपा माले के सचिव हंसनाथ राम, कांग्रेस नेता अशोक कुमार सिंह और AIYF, RJD, CPI, CPI(M) के जिला प्रतिनिधि शामिल है। इस पर विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि यह सिर्फ शिक्षकों का आंदोलन नहीं, बल्कि अफसरशाही के खिलाफ एक लोकतांत्रिक लड़ाई है।
प्रमुख मांगें: व्यवस्था सुधार के साथ अधिकारों की बहाली
शिक्षकों की ओर से उठाई गई प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
2015-17 और 2016-18 बैच के नियमित प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से वैचारिक लाभ।
13,000 शिक्षकों के खातों से कटी गई ईपीएफ राशि की तत्काल जमा प्रक्रिया।
34,540 से नियुक्त शिक्षकों के एनपीएस योगदान की व्यवस्था।
मातृत्व और चिकित्सा अवकाश तथा दक्षता पास शिक्षकों के बकाया का शीघ्र भुगतान।
स्कूलों में चावल वितरण में हो रही धांधली की जांच और दोषियों पर कार्रवाई।
जनता की शिक्षा को लेकर गंभीर सवाल
वक्ताओं ने मंच से साफ़ कहा कि यह आंदोलन बिहार की शिक्षा व्यवस्था की असफलता का आईना है।शिक्षकों का सम्मान, सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना जरूरी है। अगर शिक्षक प्रताड़ित होंगे, तो शिक्षा कैसी सुधरेगी? अशोक कुमार प्रसाद ने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत मांग नहीं, यह सरकारी स्कूलों की आत्मा बचाने की जद्दोजहद है।