दीपों का त्योहार दीपावली बस कुछ ही दिनों में आने वाली है। इसके लिए लगातार लोगों द्वारा अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। दिवाली भारतीय संस्कृति का एक बेहद अहम और बड़ा त्योहार माना जाता है। हिंदू धर्म के साथ ही बाकी धर्मों में भी दिवाली मनाई जाती है। दिवाली पर रात में मां लक्ष्मी की पूजा का खास महत्व माना जाता है। आमतौर पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा कभी भी समय में की जा सकती है। हालांकि, दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा रात में ही की जाती है, लेकिन इसके पीछे के कारण हर कोई नहीं जानता है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रात का समय माता लक्ष्मी का प्रिय समय होता है। दीपावली के दिन अमावस्या होती है, जब चांद नहीं दिखाई देता और काफी अंधेरा होता है। ऐसे में दिवाली की रात को घरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। मां लक्ष्मी को ‘ज्योति’ का प्रतीक माना गया है और रात के समय दीप जलाने से अज्ञानता और अंधकार को दूर करने का संदेश जाता है।
दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त अमावस्या के बाद का समय होता है, जिसे प्रदोष काल कहा जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से लेकर लगभग 3 घंटे तक का समय होता है। इस समय को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि ये समय सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का होता है। मां लक्ष्मी की पूजा के लिए इस समय का विशेष महत्व इसलिए भी है कि प्रदोष काल में दीप जलाने से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य का वास होता है।