मंगलवार, 29 अक्टूबर से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। इस दिन धनतेरस मनाई जाएगी। 30 अक्टूबर को रूप चौदस और 31 अक्टूबर को दीपावली, लक्ष्मी पूजा रहेगी। 1 नवंबर को स्नान-दान की कार्तिक अमावस्या रहेगी। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 तारीख को भाई दूज मनाई जाएगी। माना जाता है कि दीपोत्सव के दिनों में किए गए शुभ काम से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और हमारे घर में वास करती हैं। लक्ष्मी की प्रसन्नता से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
घर में पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करने की परंपरा है। गंगाजल पूजनीय माना गया है। गंगाजल के स्पर्श मात्र से राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष मिल गया था। गंगाजल की वजह से घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है, ऐसी मान्यता है। गंगाजल न हो तो घर में गौमूत्र का भी छिड़काव कि जा सकता है। धनतेरस की सुबह घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार जरूर बांधें। बंदनवार आम, अशोक के पत्तों और फूलों से बनाई जाती है। मान्यता है कि बंदनवार घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से रोकती है। बंदनवार की वजह से घर का वातावरण सकारात्मक, पवित्र बना रहता है और ये दीपावली के लिए हमारे मन में उत्साह को भी बढ़ाती है।
शास्त्रों में पंचदेव बताए गए हैं, इन पांच देवताओं की पूजा हर शुभ काम की शुरुआत में की जाती है। पंचदेवों में भगवान गणेश, शिव, विष्णु, सूर्य और देवी दुर्गा शामिल हैं। गणेश जी को दूर्वा, शिव जी को बिल्व पत्र, विष्णु जी को तुलसी, सूर्य को जल और देवी दुर्गा लाल फूल चढ़ाएं। घर के मंदिर में रोज पूजा करें। दीपक जलाएं और अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप से मन शांत रहता है और मंत्रों की ध्वनी से घर में पवित्रता बनी रहती है।