Bihar news : बिहार का बेटा भारत के लिए ओलम्पिक में गोल्ड मेडल लाएगा. चीते के जैसी चाल, छलांग और रफ्तार से दौड़ने वाला बिहार के राजा का सपना देश के गोल्ड मेडल लाना है. राजा अपनी रफ्तार से फर्राटा दौड़ती गाड़ियों को मात देता है. अब राजा का चाहता है कि उसी रफ्तार से वह ओलम्पिक में ट्रैक एंड फील्ड की प्रतिस्पर्धा में करिश्मा दिखाए. बिहार के पश्चिम चम्पारण के बगहा एक प्रखंड अंतर्गत पाकड़ गाँव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलम्पिक में गोल्ड मेडल दिलाने के सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक क़र फिजिकल फिटनेस के साथ रेसलिंग में जुटे हैं।
वैसे तो राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है लेकिन उनको ख़ुद के साथ समाज के युवाओं की भी चिंता है। यही वज़ह है कि दादा जगन्नाथ यादव पहलवान औऱ पिता लालबाबू यादव नामचिन्ह पहलवान से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती को लेकर विगत कुछ साल पहले देशी जुगाड़ से कोशिश शुरू की. उनका जुगाड़ अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गया है लेकिन संसाधनों की कमी उनके राह में रोड़ा बन रहा है। हालाँकि उनके संसाधनों खातिर सरकार से मदद की मांग की जा रही है।
अपने देशी जुगाड़ से महज़ 22 साल की उम्र में 'उसैन बोल्ट' बने बगहा के राज़ा यादव औऱ उनके परिजनों कों प्लेटफार्म दिलाने को लेकर सरकार से आस लगी है। अगर राजा को समुचित संसाधन मिले तो वे देश को ओलम्पिक में गोल्ड मेडल दिलाने की ठान दिन रात एक क़र तैयारी में जुटे हैं। राजा युवाओं को भी प्रेरित क़र उन्हें फिट रहने की टिप्स दे रहे हैं.
बगहा विधायक राम सिंह राजा यादव के आवास पर पहुंचकर अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. साथ हीउन्होंने बताया कि राजा यादव हमारे बिहार के और हमारे विधानसभा क्षेत्र के पाकड गांव से आते हैं जिन्हें ओलंपिक में जाने का मकसद है. इस बात को लेकर हम खेल मंत्री से जाकर मिलेंगे और उनके साथ कदम-कदम मिलाकर इनको आगे ले जाने का काम किया जाएगा. जिस तरीके से या चीते जैसे दौड़ लगाते हैं और स्कॉर्पियो, थार और बुलेट जैसे मोटरसाइकिल को पीछे छोड़कर आगे निकल जाते हैं जिनका स्पीड 40- 45 की रफ्तार होता है .
स्थानीय समाजसेवी धीरज कुमार साहनी ने बताया कि राजा यादव जो बिहार टार्जन के रूप में मशहूर हो रहा है इससे हमारे इलाके समेत पूरे बगहा का नाम साथ ही साथ बिहार का नाम रोशन कर रहा है. हम लोग उसके लिए हर पल हर समय साथ खड़ा रहकर कम से कदम मिलाकर साथ देने का काम करेंगे.
प•चम्पारण बेतिया से आशिष कुमार की रिपोर्ट