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World Chess Champion: कौन है शतरंज के बादशाह डी गुकेश, 18 साल के उम्र में कर दिया बड़ा कमाल, बने युवा विश्व चैंपियन

World Chess Champion: डी गुकेश विश्व शतरंज चैंपियन बने हैं। उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब को अपने नाम किया है। वे विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। वे सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन हैं।

World Chess Champion
D Gukesh- फोटो : social media

World Chess Champion:  भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया है। 18 वर्षीय डी गुकेश ने चीन के दिग्गज खिलाड़ी डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया है। वे विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। गुकेश पिछले एक दशक से इस पल का सपना देख रहे थे और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह सपना साकार कर दिखाया है। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद वे विश्व खिताब के लिए सबसे युवा दावेदार बन गए थे।

यह जीत भारत के लिए क्यों खास है?

विश्व चैंपियनशिप का फाइनल काफी रोमांचक रहा। गुकेश ने कई बार पिछड़ने के बाद भी शानदार वापसी की और अंतत 14वीं बाजी जीतकर खिताब अपने नाम किया। चीन के डिंग लिरेन ने 2023 में विश्व चैंपियन का खिताब जीता था, लेकिन गुकेश ने उन्हें हराकर यह खिताब अपने नाम कर लिया। डी गुकेश विश्व शतरंज चैंपियन बनने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।  इस जीत ने भारत का नाम दुनिया में ऊंचा किया है और शतरंज के क्षेत्र में भारत की बढ़ती हुई ताकत को दिखाया है। डी गुकेश की इस उपलब्धि ने देश के युवाओं में शतरंज के प्रति रुचि बढ़ाने में मदद मिलेगी।

डी गुकेश कौन हैं?

डी गुकेश एक भारतीय ग्रैंडमास्टर हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही शतरंज में महारत हासिल कर ली थी। वे कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत चुके हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। डी गुकेश चेन्नई के रहने वाले हैं। इनका पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी। इसके बाद नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश, आनंद शतरंज अकादमी (WACA) में ट्रेनिंग लेते हैं।

इस जीत का क्या महत्व 

गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह ऐसा करने वाले सबसे युवा प्लेयर बने थे। वहीं, इसी साल 10 से 23 सितंबर 2024 को बुडापेस्ट में चेस ओलंपियाड का आयोजन हुआ था। भारत ने मेंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में चैंपियन बना था। ओपन कैटेगरी में गुकेश ने ही फाइनल गेम जीतकर भारत को जीत दिलाई थी। इस जीत से भारत में शतरंज का विकास और तेजी से होगा। युवाओं को शतरंज की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार और निजी संगठन अधिक से अधिक प्रयास करेंगे।  इस जीत से भारत की छवि दुनिया में एक शक्तिशाली और प्रतिभाशाली देश के रूप में मजबूत होगी।

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