चुनाव में 'गेमचेंजर' बनीं जीविका दीदियों को सरकार का तोहफा, 1.40 करोड़ जीविका दीदियों को मिलेगा अपना बैंक, पंचायत स्तर पर बैंकिंग और सस्ता लोन
बिहार सरकार ने 1.40 करोड़ जीविका दीदियों को बड़ा तोहफा दिया है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने ऐलान किया है कि महिलाओं को बैंकों की लंबी कतारों से बचाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हर ग्राम पंचायत में 'जीविका दीदी बैंक' खोला जाएगा।
Vaishali -बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वालीं और विधानसभा चुनाव में 'गेमचेंजर' साबित हुई जीविका दीदियों के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने ऐलान किया है कि अब राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत में 'जीविका दीदी बैंक' खोला जाएगा.
हर पंचायत में बैंक, खत्म होगा बैंकों का चक्कर
हाजीपुर के दौलतपुर में रोजगार मेला का उद्घाटन करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि अभी जीविका दीदियों को छोटी रकम जमा करने के लिए भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा, "आज हमारी जीविका दीदी बैंक में दो हजार रुपये जमा करने जाती हैं, तो सुबह 11 बजे लाइन में लगती हैं और शाम हो जाती है। उनका पूरा दिन खराब हो जाता है". मंत्री ने घोषणा की कि इस समस्या को खत्म करने के लिए सरकार हर ग्राम पंचायत में 'जीविका बैंक' खोलेगी। अब पैसे जमा करने और लेन-देन का सारा काम जीविका के अपने इसी बैंक से होगा, जिससे महिलाओं का समय और पैसा दोनों बचेगा.
उद्योग के लिए 10 लाख का लोन, ब्याज सिर्फ 7% -
जीविका दीदियों को बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ने के लिए मंत्री ने कई बड़ी आर्थिक घोषणाएं भी कीं: जिसमें मुख्य रूप से शामिल हैं
सस्ता कर्ज: जीविका दीदियों को बैंकों से मात्र 7 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलेगा, जबकि अन्य लोगों को 11% से अधिक ब्याज देना पड़ता है.
उद्योग के लिए मदद: अगर कोई दीदी उद्योग (Industry) लगाना चाहती है, तो उन्हें 10 लाख रुपये तक का बैंक लोन दिलाया जाएगा.
त्वरित कार्रवाई: मंत्री ने स्पष्ट किया कि आवेदन देने के एक महीने के भीतर बैंक अधिकारियों को ऋण स्वीकृत करना होगा.
अतिरिक्त मदद: रोजगार की समीक्षा के बाद दीदियों को काम बढ़ाने के लिए 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी.
1.40 करोड़ महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर
मंत्री श्रवण कुमार ने याद दिलाया कि गरीबी उन्मूलन के लिए विश्व बैंक से कर्ज लेकर बिहार में जीविका परियोजना की शुरुआत की गई थी। आज यह वटवृक्ष बन चुकी है और प्रदेश में 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार बिना किसी जाति, धर्म, मजहब या इलाके के भेदभाव के हर महिला को आगे बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा देगी.
चुनाव में 'साइलेंट वोटर' की भूमिका
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हालिया विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत में जीविका दीदियों की भूमिका सबसे अहम रही है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना और दी जा रही सहायता राशि के कारण महिलाएं 'साइलेंट वोटर' बनकर उभरीं। अब सरकार अपना बैंक खोलकर इस वर्ग को और अधिक सशक्त करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है.
रिपोर्ट - रिषभ कुमार