मानवता शर्मसार: घायल को मदद के नाम पर ले गए, मौत हुई तो सदर अस्पताल में शव फेंककर फरार

वैशाली में सड़क हादसे के बाद गहराया रहस्य। घायल युवक को 'इलाज' के नाम पर ले गए अज्ञात लोग, मौत होने पर सदर अस्पताल में एंबुलेंस से शव फेंककर भागे। बेटे के इलाज के लिए टिकट कटाने निकला था पिता।

मानवता शर्मसार: घायल को मदद के नाम पर ले गए, मौत हुई तो सदर
युवक की मौत पर बिलखते परिजन- फोटो : रिषभ कुमार

Vaishali : वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला और मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां सड़क हादसे में घायल एक युवक को कुछ अज्ञात लोग मदद के नाम पर ले गए, लेकिन जब उसकी मौत हो गई, तो बुधवार सुबह उसे सदर अस्पताल में लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए।

बेटे के दिल के इलाज के लिए निकला था पिता

मृतक की पहचान महुआ थाना क्षेत्र के कहियो गांव निवासी जितेश राम (37) के रूप में हुई है। वह चेन्नई की एक स्टील फैक्ट्री में काम करता था और एक महीने पहले ही घर आया था। उसके 14 वर्षीय बेटे के दिल में छेद है, जिसका इलाज कराने के लिए उसे रायपुर जाना था। मंगलवार दोपहर वह पत्नी से यह कहकर निकला था कि वह रायपुर जाने का टिकट बनवाने जा रहा है, लेकिन वह कभी वापस नहीं लौटा।

क्या है पूरा घटनाक्रम?

मंगलवार देर रात महुआ के मिर्जा नगर में सड़क हादसा हुआ था। पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें सिर्फ जितेश की बाइक मिली। स्थानीय लोगों ने बताया कि घायल को अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन पुलिस को यह नहीं पता चला कि कौन ले गया। इधर, पूरी रात परिजन थाने और अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। अंत में जब वे सदर अस्पताल पहुंचे, तो वहां जितेश का शव मिला।

सदर अस्पताल में एंबुलेंस का 'संदिग्ध खेल'

घटनास्थल से गायब होने और सदर अस्पताल में शव मिलने के बीच की कहानी बेहद संदिग्ध है। एक एंबुलेंस सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के पास रुकती है। एंबुलेंस में तीन लोग सवार थे, जबकि एक व्यक्ति पहले से इमरजेंसी गेट पर खड़ा था। एंबुलेंस आते ही उस व्यक्ति ने स्ट्रेचर खींचा और जितेश के शव को उस पर लिटा दिया। एंबुलेंस फिर पोस्टमार्टम हाउस की तरफ जाकर खड़ी हो गई। पहले से खड़ा व्यक्ति पर्चा कटाने का नाटक करते हुए काउंटर की तरफ बढ़ा, लेकिन मौका पाते ही दौड़कर एंबुलेंस में बैठा और सभी फरार हो गए।

निजी अस्पतालों पर गहराया शक

 इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आशंका जताई जा रही है कि हादसे के बाद कुछ निजी एंबुलेंस या निजी अस्पताल के दलाल पैसे बनाने के लालच में घायल जितेश को उठा ले गए होंगे। इलाज के दौरान या लापरवाही से जब उसकी मौत हो गई, तो कानूनी पचड़े से बचने के लिए वे शव को सरकारी अस्पताल में फेंककर भाग निकले।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल सदर अस्पताल की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है। दिनदहाड़े एंबुलेंस सवार लोग एक शव को फेंककर चले गए और सुरक्षा गार्ड मूकदर्शक बने रहे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन इस घटना ने सिस्टम और इंसानियत दोनों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

Report - Rishav kumar