Bihar Laila Majnu: सोनपुर मेले में लैला मजनूं की धूम, सौ रुपए में मिल रहा इश्क़ का ज़िंदा सबूत

Bihar Laila Majnu: विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला 2025 इस बार सिर्फ परंपरा, संस्कृति और मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा...

Bihar Laila Majnu
सोनपुर मेले में लैला मजनूं की धूम- फोटो : reporter

Bihar Laila Majnu: विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला 2025 इस बार सिर्फ परंपरा, संस्कृति और मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा यहाँ एक पौधा ने पूरे मेले में वैसी हलचल मचा दी, जैसी कोई सनसनीख़ेज़ खबर अपराध की दुनिया में करती है।यह पौधा है लैला मजनूं पौधा, जो कृषि प्रदर्शनी की नर्सरी में रखा गया और देखते ही देखते आकर्षण का सेंटर ऑफ क्राउड बन गया। महज 100 रुपए में बिक रहा यह पौधा मेले का सबसे हॉट ट्रेंड बन गया।

नर्सरी संचालक रामवीर चौरसिया बताते हैं कि इस पौधे की दो मुख्य शाखाएँ समय के साथ धीरे-धीरे आपस में लिपटती जाती हैं कुछ वैसे ही जैसे इश्क़ की दुनिया में लैला और मजनूं की दास्तां एक-दूसरे में घुल जाती थी। यही इसका यूनिक पॉइंट है, जिसे लोग प्रेम, भरोसा और साथ का प्रतीक मान रहे हैं। इसकी देखभाल भी आसान है और घर ऑफिस की सजावट में एक अलग  रोमैंटिक वाइब  पैदा करता है।

मेले में घूमने आई मधु कुमारी और उनके पति ने तो इसे अपने रिश्ते की नई पहचान तक कह दिया। उनका कहना है कि जब भी यह पौधा बढ़ेगा, लगेगा हमारा प्यार भी मजबूत हो रहा है। जैसे किसी कहानी की तरह ये पौधा उनके रिश्ते का ज़िंदा सबूत बन गया।

हालाँकि यह पौधा सिर्फ प्रेमी जोड़ों तक सीमित नहीं।परिवार, बुजुर्ग, छात्र सब अपनी अपनी वजह से खरीद रहे हैं। कई इसे घर की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपयोगी मान रहे हैं। बुजुर्ग महिलाएँ कहती हैं कि यह पौधा रिश्तों को जोड़ने वाला है… घर में शांति लाता है।

दिल्ली से आए सैलानियों ने तो इसे इश्क़ और पॉज़िटिविटी का नया प्रतीक बताकर खरीद लिया। उनका कहना है कि रिश्ते भी पौधों की तरह होते हैं,देखभाल करो तो खिल उठते हैं।

इस पौधे का रंग भी उतना ही दिलचस्प है एक तरफ हरा और एक तरफ लाल। मानो प्रेम में शांति और जुनून दोनों का संगम हो।गाँव समाज के लोग इसे आपसी विवाद कम करने के लिए भी लगा रहे हैं जैसे यह पौधा घर में लगा हो तो मन मुटाव की ठंडक पिघल जाती है।

सोनपुर मेला हर साल कई चीज़ों से चमकता है, लेकिन इस बार लैला–मजनूं पौधा ने जिस तरह भीड़ को अपनी तरफ खींचा वह साफ दिखाता है कि यह पौधा अब सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि इश्क़, सकारात्मकता और उम्मीद का नया प्रतीक बन चुका है।

रिपोर्ट- ऋषभ कुमार