Bihar Flight: बिहार के हवाई सफर में खुला अंतरराष्ट्रीय पन्ना, थाईलैंड के लिए डायरेक्ट फ्लाइट ! बैंकॉक की नई उड़ान शुरू
Bihar Flight: बिहार के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 2025 का यह एक महत्वपूर्ण दिन रहा, जब थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक स्थित दोम्यौंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एयरबस-320 विमान सेवा की पहली उड़ान पहुंची।
 
                            Bihar Flight: बिहार के गयाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 2025 का यह एक महत्वपूर्ण दिन रहा, जब थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक स्थित दोम्यौंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एयरबस-320 विमान सेवा की पहली उड़ान पहुंची। यह फ्लाइट दोपहर 12:40 बजे गया पहुंची, जिसमें कुल 118 यात्री सवार थे। बस एक घंटे बाद, 13:40 बजे, यह विमान बैंकॉक के लिए रवाना हो गया। इस नई अंतरराष्ट्रीय सेवा से गया हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी और यह बिहार की पर्यटन व व्यापारिक गतिविधियों के लिए नए अवसर खोलेगी।
गया, जो बौद्ध सर्किट पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है, अब सीधे बैंकॉक से जुड़ गया है। इस कनेक्टिविटी से न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए गया तक पहुंच आसान होगी, बल्कि भारत और थाईलैंड के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों में भी मजबूती आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई उड़ान से गया और बिहार की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे पर्यटन में उछाल आएगा और स्थानीय व्यापार को लाभ होगा।
गया हवाई अड्डा निदेशक बंगजीत साहा ने इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “बैंकॉक से गया तक वर्ष की पहली उड़ान का आगमन गया के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों के लिए नई संभावनाएं लेकर आया है। यह सेवा बिहार की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी।” उन्होंने एयरलाइन कंपनी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और सभी संबंधित हितधारकों का धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से यह उड़ान सफलतापूर्वक संचालित हो रही है।
नई सेवा के अनुसार, एयरबस-320 विमान नियमित रूप से दोपहर 12:40 बजे गया पहुंचेगा और ठीक एक घंटे बाद बैंकॉक के लिए प्रस्थान करेगा। उड़ान का यह निर्धारित समय पर्यटकों और व्यवसायिक यात्रियों के लिए सुविधाजनक यात्रा कार्यक्रम प्रदान करता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मजबूत होगा।
इस नई अंतरराष्ट्रीय उड़ान के आने से गया हवाई अड्डे को वैश्विक मान्यता मिलेगी और यह बिहार को पर्यटन और व्यापार में एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    