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BIHAR BUSINESS - मां बेटे की संचालित 'गुलाल फैक्ट्री' सीमांचल के जिले में बना रही पहचान, सालों भर मजदूरों को घर पर ही मिल रहा काम

BIHAR BUSINES - होली पर बाजार रंग अबीर गुलाल से सज चुका है। वहीं कटिहार में मां-बेटे द्वारा संचालित गुलाल फैक्ट्री की चर्चा हो रही है। यहां सिर्फ लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराया है। बल्कि होली के त्योहार को कैमिकल फ्री भी बनाया है।

BIHAR BUSINESS - मां बेटे की संचालित 'गुलाल फैक्ट्री' सीमांचल के जिले में बना रही पहचान, सालों भर मजदूरों को घर पर ही मिल रहा काम
गुलाल फैक्ट्री में तैयार होता सामान- फोटो : SHAYAM

KATIHAR - कटिहार में होली के मौके पर रोजगार के एक अलग रंग से आपको रूबरू करवाते हैं, गौशाला के मां-बेटा द्वारा संचालित गुलाल फैक्ट्री साल भर एक दर्जन से अधिक वैसे लोगों को रोजगार देता है जो कभी अन्य प्रदेशों में मजदूरी किया करते थे।

 दरअसल होली के मौके पर इस गुलाल फैक्ट्री से पूरे सीमांचल के अलावा बंगाल, असम और नेपाल तक गुलाल का सप्लाई होता है, इसलिए इस गुलाल फैक्ट्री में साल के 8 से 10 महीने लगातार काम होता है और बाकी दिनों में इस गुलाल फैक्ट्री में रोली, सिंदूर और चंदन पैकिंग होता है, जिस कारण लगभग साल भर इस गुलाल फैक्ट्री में मजदूरों को काम मिलता है, जिससे मजदूरों की जिंदगी मे रौनक रहता है।

गुलाल फैक्ट्री संचालक पंकज ने बताया सीमांचल एरिया में हमलोग माल की सप्लाई करते हैं। कटिहार, जोगबनी, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, फारबिसगंज में माल बिकता है। उन्होंने बताया तीन महीने में 35-40 टन माल तैयार किया जाता है। जिसके बाद 100-100 ग्राम का पैकेट तैयार कर बाजार में बेचने के लिए भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से कैमिकल फ्री बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां आठ महीने काम होता है। जिससे लोगों को काम की भी परेशानी नहीं होती है।

वहीं यहां मजदूरी करनेवाली आशा देवी ने बताया कि घर के बगल में काम करने से फायदा होता है। अच्छा पैसा मिल जाता है। साथ ही घर में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। वहीं मजदूर रोहित ने कहा कि अब बाहर काम करने जाने की जरुरत नहीं होती है। घर पर ही अच्छा काम मिल रहा है। जिससे कोई परेशानी नहीं होती है।

REPORT - SHAYAM

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