आम जनता और कारोबारियों के लिए राहत भरी खबर आ सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने को संकेत दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती जल्द की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों और टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने (Rationalization) का काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
वित्त मंत्री ने बताया कि रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (RNR)—जो 2017 में जीएसटी लागू होने के समय 15.8% थी, वह 2023 में घटकर 11.4% पर आ गई है। आने वाले समय में इसमें और कमी की संभावना है।
वित्त मंत्री सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2021 में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) का गठन किया था, जिसमें 6 राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। इस समूह का काम जीएसटी स्लैब और दरों में बदलाव की सिफारिश देना था।
वित्त मंत्री ने कहा कि "हम इस पर अगली जीएसटी काउंसिल बैठक में चर्चा करेंगे और अंतिम निर्णय लेने के बहुत करीब हैं।" इसका मतलब है कि जल्द ही सरकार टैक्स स्लैब्स को कम कर सकती है और टैक्स दरों को और तर्कसंगत बना सकती है।
कैसे बदलेगी जीएसटी दरें?
- अभी चार स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%
- संभावित बदलाव: स्लैब्स की संख्या घटाकर 3 की जा सकती है।
- बेसिक जरूरतों पर टैक्स कम होने की संभावना।
शेयर बाजार में बढ़ती अस्थिरता (Volatility) को लेकर पूछे गए सवाल पर सीतारमण ने कहा कि यह पूरी तरह से वैश्विक घटनाओं पर निर्भर करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि "क्या दुनिया में शांति हो जाएगी? क्या युद्ध खत्म हो जाएंगे? क्या लाल सागर सुरक्षित हो जाएगा? क्या समुद्री डाकू नहीं होंगे?" उन्होंने संकेत दिया कि बाजार की अस्थिरता को पूरी तरह नियंत्रित करना संभव नहीं है।