RANCHI : जेल में सजाएफ्ता कैदियों को कई सामान के निर्माण और उन्हें बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही उन्हें रोजगारपूरक कई कामों का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि जेल से बाहर आने के बाद समाज में अपने लिए बेहतर काम कर सकें। देश के सभी राज्यों में यह व्यवस्था है। लेकिन झारखंड के कैदीअब जेल के बाहर आकर पेट्रोल डीजल बेचते हुए नजर आएंगे। यहां जेल परिसर के पास ऐसे पेट्रोल पंप शुरू करने की तैयारी चल रही है। इससे पहले सिर्फ आंध्र प्रदेश में कैदियों द्वारा पेट्रोल डीजल बेचे जाने की व्यवस्था है।
झारखंड में पिछले चार साल से इस पर विचार किया जा रहा है। लेकिन अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। कुछ समय पहले भारत पेट्रोलियम ने सर्वे किया था, अब इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से सर्वे चल रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद राज्य सरकार को एक मुकम्मल प्रस्ताव जाएगा कि कहां की जेल पेट्रोल पंप खोलने के लिए सुरक्षित है।
पहले चरण में इन जेलों के कैदियों को मिलेगा मौका
कैदियों के लिए पेट्रोल पंप शुरू करने को लेकर पहले चरण में केंद्रीय कारा घाघीडीह जमशेदपुर, केंद्रीय कारा गिरिडीह, केंद्रीय कारा दुमका, मंडल कारा चाईबासा, मंडल कारा चास व उपकारा खूंटी को सर्वे में शामिल किया गया है। जेल डीआईजी ने इन जेलों के अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वह इस सर्वे में कंपनियों को सहयोग करें
कैदियों को रोजगार मिलेगा
जेल परिसर के समीप पेट्रोल पंप खोलने के पीछे राज्य सरकार का तर्क है कि पेट्रोल पंप खुलने से सजायाफ्ता या सजा काट चुके कैदियों को रोजगार तो मिलेगा ही, सरकार को कम लागत में राजस्व भी मिलेगा। वहीं कैदी दिनभर पेट्रोल पंप पर ड्यूटी करेंगे और रात में जेल चले जाएंगे। उनकी सुरक्षा के बिंदु पर भी सर्वे हो रहा है। सीसीटीवी कैमरा से लेकर पेट्रोल पंप की सुरक्षा में तैनात जवानों की संख्या आदि पर भी विचार-विमर्श चल रहा है।