रिटायरमेंट के बाद पेंशन का महत्व सभी समझते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उन लाखों श्रमिकों का क्या जो रोज़ कमाते हैं और रोज़ खर्च करते हैं? क्या उनका भविष्य सुरक्षित है? क्या उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है? यह सवाल एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है, विशेषकर उन असंगठित श्रमिकों के लिए जो छोटे-मोटे काम करके अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं।
भारत में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो किसी तरह का भविष्य निधि नहीं जमा कर पाता और न ही उसके पास रिटायरमेंट के बाद की कोई पेंशन योजना होती है। ऐसे में ये मजदूर, जो आज अपना पसीना बहाते हैं, भविष्य में बुढ़ापे में जीवन यापन के लिए किसे ढूंढेंगे? लेकिन अब उनकी इस चिंता का हल निकालते हुए, भारत सरकार ने एक योजना शुरू की है जो इन मजदूरों को एक सुरक्षित भविष्य की उम्मीद देती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना: असंगठित मजदूरों के लिए एक क्रांतिकारी पहल
भारत सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, उन श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 3000 रुपये तक की पेंशन मिलने का प्रावधान है।
क्या विशेष है इस योजना में? इस योजना में सरकार और श्रमिक दोनों के योगदान को समान माना गया है। यानी जितना योगदान श्रमिक करेगा, उतना ही योगदान सरकार करेगी। इस तरह से एक साझी जिम्मेदारी के तहत श्रमिकों का भविष्य सुरक्षित किया जाएगा। यह योजना न केवल वृद्धावस्था की चिंता को कम करती है, बल्कि इसके माध्यम से श्रमिकों को एक स्थिर वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करती है।
कौन-सी श्रेणियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं?
अब सवाल यह उठता है कि इस योजना का लाभ किसे मिलेगा? प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में 18 से 40 वर्ष के बीच के सभी असंगठित श्रमिक आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में शामिल होने के लिए श्रमिकों को 20 वर्षों तक निवेश करना होगा, और 60 वर्ष की आयु के बाद ही उन्हें पेंशन मिलनी शुरू होगी।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना में आवेदन करना बेहद सरल है। इसके लिए श्रमिकों को किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होती है, जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और अन्य पहचान पत्र। इन दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिकों को एक श्रम योगी कार्ड नंबर जारी किया जाएगा। इस कार्ड के जरिए उनके खाते की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी और हर महीने उनके खाते से ऑटो डेबिट के जरिए किश्त कटेगी।
यह योजना क्यों है महत्वपूर्ण?
यह योजना असंगठित श्रमिकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है। भारत में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या बहुत बड़ी है और उनकी समस्याओं को समझते हुए सरकार ने इस योजना को लागू किया है। जो श्रमिक हर दिन मेहनत करके अपने परिवार का पालन करते हैं, उन्हें अब अपनी वृद्धावस्था के लिए सुरक्षा का विश्वास मिल रहा है। यह योजना न केवल उनके जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी बनाए रखेगी।