भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा अपने निर्धारित निर्देशों का पालन न करने पर चार कंपनियों पर कुल 76.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ये कंपनियां रंग दे पी2पी फाइनेंशियल सर्विसेज, फेयरसेट्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (फेयरसेंट), विजनरी फाइनेंसपीयर प्राइवेट लिमिटेड और ब्रिज फिनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (फिनजी) हैं।
आरबीआई का बयान
आरबीआई ने इन कंपनियों पर जुर्माना लगाने के बाद एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि इन कंपनियों ने 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म' (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2017 के प्रावधानों का पालन नहीं किया। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माने की राशि विभिन्न उल्लंघनों के आधार पर अलग-अलग तय की गई है।
कंपनियों पर लगाया गया जुर्माना और उल्लंघन
रंग दे पी2पी फाइनेंशियल सर्विसेज
इस कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने व्यक्तिगत ऋणदाताओं की विशेष मंजूरी के बिना व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को ऋण वितरित किया। यह आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन था।फेयरसेट्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (फेयरसेंट)
फेयरसेंट पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने व्यक्तिगत ऋणदाताओं की स्वीकृति के बिना ऋण वितरित किया, उधारकर्ताओं के ऋण मूल्यांकन और जोखिम प्रोफ़ाइल का खुलासा नहीं किया, और आंशिक या पूरी तरह से प्रबंधन शुल्क का परित्याग करके ऋण जोखिम लिया।विजनरी फाइनेंसपीयर प्राइवेट लिमिटेड
इस कंपनी पर 16.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने व्यक्तिगत ऋणदाताओं की स्वीकृति के बिना ऋण वितरित किया और ऋण समझौते पर हस्ताक्षर न कराए। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित नहीं किया गया कि ऋणदाताओं को उधारकर्ताओं के जरूरी विवरण का खुलासा किया गया हो।ब्रिज फिनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (फिनजी)
फिनजी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस कंपनी ने भी आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं किया था, जिससे यह जुर्माना लगाया गया।
आरबीआई के निर्देशों का पालन जरूरी
आरबीआई ने इन कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे अपने संचालन में सुधार करें और भविष्य में नियमों का पालन करें, ताकि इस तरह के उल्लंघन से बचा जा सके। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि एनबीएफसी-पी2पी प्लेटफॉर्म को अपने संचालन में पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता है और ग्राहकों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।