PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालात पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया को तीन लॉ कालेजों का निरीक्षण रिपोर्ट दो माह में देने का निर्देश दिया।दो माह बाद इस मामलें पर सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रितिका रानी ने बताया कि तीन लॉ कॉलेज, सूर्यदेव लॉ कालेज, कटिहार,सी एम लॉ कालेज,दरभंगा और शिवनन्दन प्रसाद मंडल लॉ कॉलेज, मधेपुरा का निरीक्षण कर बीसीआई को दो माह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया । उन्होंने बताया कि शिवनन्दन प्रसाद मंडल लॉ कालेज, मधेपुरा ने नियमों की अनदेखी कर सत्र 2022 -23 में साठ छात्रों का एडमिशन ले लिया।नियमों के अनुसार बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण रिपोर्ट के बाद कोर्ट की अनुमति मिलने पर ही कोई भी लॉ कालेज छात्रों का एडमिशन ले सकता हैं ।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी लॉ कालेजों के सम्बन्ध में बीसीआई को विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का भी ब्यौरा भी बीसीआई को देने का निर्देश दिया था। इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपलों की शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा देने का भी निर्देश दिया था।कोर्ट ने जानना चाहा था कि क्या ये लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा लॉ की पढ़ाई के लिए निर्धारित मानको को पूरा कर रहे है।वहां क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध है।
पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बहुत सारे लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नही करने के बाद भी चल रहे है।उन्होंने बताया था कि इन लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी बीसीआई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते है। पीएचडी की डिग्री उन शिक्षकों के लिए आवश्यक है,लेकिन इन लॉ कालेजों में इनका पालन नही किया जा रहा है।कोर्ट ने जानना चाहा था कि बगैर बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा किये बहुत से लॉ कालेजों में छात्रों का एडमिशन कैसे लिया जा रहा है ।
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होना चाहिए।कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है,उन कालेजों में ही लॉ की पढ़ाई होनी चाहिए। इस मामलें पर पुनः दो माह बाद सुनवाई की जाएगी।