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RAILWAY NEWS : रेल पटरियों की निगरानी के लिए किसान, चरवाहे और स्थानीय निवासी बनेंगे रेलवे के 'ट्रैक मित्र'

RAILWAY NEWS : रेल पटरियों की निगरानी के लिए किसान, चरवाहे और स्थानीय निवासी बनेंगे रेलवे के 'ट्रैक मित्र'

PATNA : पिछले कुछ महीने से रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाने की कई घटनाएं सामने आई है। जिसके बाद पटरियों की सुरक्षा रेलवे के लिए बड़ी चिंता बन गई है। अब पटरियों की निगरानी करने के लिए 'ट्रैक मित्र' की मदद लेने की तैयारी कर रहा है। रेलवे के 'ट्रैक मित्र' किसान, स्थानीय निवासी और पटरियों के किनारे मवेशियों को चरानेवाल चरवाहे होंगे। रेलवे इन लोगों को रेल मित्र के रूप में शामिल करेगा।

 रेलवे के सूत्रों ने बताया कि ये ट्रैक मित्र रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे. साथ ही पटरियों के पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सुरक्षा कर्मियों को अहम जानकारी देने के लिए नियमित अंतराल पर बैठकें भी करेंगे।

पटरियों के पास जमीन मालिक बनेंगे ट्रैक मित्र

जानकारी के अनुसार आरपीएफ कर्मी गांवों और रेलवे पटरियों के आसपास रहने वाले लोगों तथा उन किसानों की सूची तैयार करेंगे, जिनकी कृषि भूमि पटरियों के पास है। उन्हें ट्रैक मित्र बनाया जाएगा, ताकि वे अपने स्थानों से रेल पटरियों को पार करने पर आसानी से नजर रख सकें। अधिकारी ने बताया कि ट्रैक मित्र के रूप में ये लोग पटरियों पर किसी भी रेलवे सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पटरियों की सक्रिय निगरानी भी कर रहा है, जिसमें अधिकारी रेल पटरियों के पास संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए गांव के लोगों, ग्राम प्रधानों और छात्रों की मदद ले रहे हैं।

इसके अलावा रेल पटरियों पर आरपीएफ कर्मियों और इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों के साथ संयुक्त गश्त शुरू कर दी है, ताकि ट्रेन संचालन में बाधा डालने या तोड़फोड़ के किसी भी प्रयास पर नजर रखी जा सके। आरपीएफ चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और सुरक्षाकर्मियों ने पटरियों पर शरारती गतिविधियों को रोकने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए अपने मुखबिरों और स्रोतों को सक्रिय कर दिया है।

पटरियों के पास से हटाए जा रहे हैं स्लीपर, रेल पांत

वहीं पटरियों की सुरक्षा को लेकर अब रेलवे द्वारा पटरियों के पास रेल लाइन, स्लीपर, बोल्डर व अन्य सामान जैसे लावारिस हालत में पड़े स्क्रैप हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। कर्मियों को इसके लिए काम पर लगाया जा रहा है। 


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