काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 2027 में होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सबसे बड़ा बदलाव 12वीं के पासिंग क्राइटेरिया में हुआ है। अब छात्रों को इंग्लिश या मॉडर्न इंग्लिश के साथ चार अन्य विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा, जबकि पहले तीन विषयों में पास होना ही पर्याप्त था। यह निर्णय छात्रों के उच्च शिक्षा में प्रवेश को सुगम बनाने के लिए लिया गया है।
नए विषय और प्रतिबंधित कॉम्बिनेशन
CISCE ने 2027 के लिए 12वीं में पांच नए विषय जोड़े हैं, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, अप्लाइड मैथमेटिक्स, मॉडर्न इंग्लिश और भूटिया भाषा शामिल हैं। 10वीं में भी भूटिया भाषा को जोड़ा गया है। वहीं, कुछ विषय संयोजन को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जैसे कि इंग्लिश और मॉडर्न इंग्लिश, फिजिक्स और इंजीनियरिंग साइंस, तथा रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक साथ नहीं लिया जा सकेगा।
रिजल्ट डॉक्यूमेंट में भी हुआ बदलाव
अब 10वीं और 12वीं के छात्रों को दो अलग-अलग रिजल्ट डॉक्यूमेंट (स्टेटमेंट ऑफ मार्क्स और पास सर्टिफिकेट) की जगह एक ही डॉक्यूमेंट मिलेगा, जिसे ‘पास सर्टिफिकेट कम स्टेटमेंट ऑफ मार्क्स’ नाम दिया गया है। साथ ही, इसमें ‘पास सर्टिफिकेट अवार्डेड’ और ‘पास सर्टिफिकेट नॉट अवार्डेड’ की जगह ‘क्वालीफाइड’ और ‘नॉट क्वालीफाइड’ अंकित किया जाएगा।
CISCE छात्रों को मिलेगा फायदा
CISCE के इस बदलाव से छात्रों को अन्य बोर्ड के समान लाभ मिलेगा, जिससे वे विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बिना किसी परेशानी के प्रवेश ले सकेंगे। 2027 की परीक्षा देने वाले छात्रों को नए नियमों और संशोधित सिलेबस के अनुरूप तैयारी करने की सलाह दी जाती है।