प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए कौशल विकास और नवाचार में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एआई, चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण और शहरी नियोजन में बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है। सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने और युवाओं को नए जमाने की नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से अब तक 3 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे उन्हें बेहतर करियर विकल्प मिले हैं। सरकार ने छात्रों को उद्योग के लिए तैयार करने के लिए 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड करने का फैसला किया है। इसके अलावा देशभर में 5 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे, जो व्यावसायिक शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
मोदी सरकार ने पीएम इंटर्नशिप योजना की भी घोषणा की है, जिससे युवाओं को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा और उनका करियर मजबूत होगा। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए इस साल 10,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी और अगले पांच साल में इस संख्या को बढ़ाकर 75,000 करने का लक्ष्य है।
भारत की अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2025 के बीच भारत की अर्थव्यवस्था में 66% की वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था 3,800 बिलियन डॉलर की है और जल्द ही 5,000 बिलियन डॉलर का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी। इसके अलावा, सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है, ताकि भारत डिजिटल क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा सके। एआई से भारतीय अर्थव्यवस्था में लाखों करोड़ रुपये का योगदान होने की उम्मीद है।
सरकार पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी भारी निवेश करने जा रही है। पर्यटन क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और देश की पर्यटन आय में वृद्धि होगी। सरकार ने मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी नई योजनाएँ बनाई हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़े निवेश आकर्षित होंगे। इसके अलावा, नियोजित शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र मजबूत होगा और शहरों में बेहतर बुनियादी ढाँचा विकसित होगा।
मोदी सरकार के इन फैसलों से साफ है कि अगले कुछ सालों में भारत रोजगार, डिजिटल तकनीक, कौशल विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। एआई, मेडिकल शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण और पर्यटन क्षेत्र पर फोकस के साथ सरकार भारत को 21वीं सदी की आर्थिक महाशक्ति बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है।