आज के समय में मेट्रो ड्राइवर बनना एक बेहतरीन करियर ऑप्शन बन गया है। शहरीकरण और मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के कारण इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। अगर आप तकनीकी क्षेत्र में रुचि रखते हैं और एक स्थिर सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर बनना आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। हजारों यात्रियों को सुरक्षित और समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाना मेट्रो ड्राइवर की जिम्मेदारी होती है। इस रिपोर्ट में हम आपको मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए योग्यता, चयन प्रक्रिया, वेतन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
अगर आप मेट्रो ड्राइवर बनना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी योग्यताएं पूरी करनी होंगी। उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा आईटीआई या डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या इससे संबंधित तकनीकी क्षेत्र में) होना जरूरी है। अगर उम्मीदवार के पास इंजीनियरिंग की डिग्री या पॉलिटेक्निक डिप्लोमा है, तो उसे वरीयता दी जाती है। ज्यादातर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में आवेदन करने के लिए आयु सीमा 18 से 28 साल के बीच रखी गई है। सरकारी नियमों के मुताबिक, आरक्षित वर्ग को आयु में छूट दी जाती है। मेट्रो ड्राइवर के लिए अच्छी सेहत का होना बहुत जरूरी है, खास तौर पर अच्छी नजर। अगर नजर से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है, तो उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा, मेडिकल टेस्ट, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और ट्रेनिंग की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। मेट्रो ड्राइवरों की भर्ती दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) या दूसरे शहरों की मेट्रो कंपनियों द्वारा की जाती है। भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद लिखित परीक्षा होती है, जिसमें तकनीकी ज्ञान, गणित, रीजनिंग और सामान्य जागरूकता से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। परीक्षा ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित (CBT) होती है। सफल उम्मीदवारों का मेडिकल टेस्ट होता है, जिसमें नजर और दूसरे स्वास्थ्य परीक्षण शामिल होते हैं। फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद चयनित उम्मीदवारों को गहन प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें सिमुलेटर पर अभ्यास, सुरक्षा प्रक्रियाएं और वास्तविक मेट्रो संचालन पर प्रशिक्षण शामिल होता है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उम्मीदवार को मेट्रो ड्राइवर के तौर पर नियुक्त किया जाता है।
सैलरी की बात करें, तो मेट्रो ड्राइवर की शुरुआती सैलरी ₹39,000 - ₹50,000 प्रति महीना होती है। अनुभव बढ़ने के साथ यह वेतन ₹70,000 - ₹91,000 प्रति माह तक पहुंच सकता है। इसके अलावा ड्राइवरों को महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), चिकित्सा सुविधाएं और अन्य सरकारी भत्ते भी दिए जाते हैं। इस नौकरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सरकारी नौकरी की सुरक्षा, उच्च वेतन, पदोन्नति के अवसर, स्वास्थ्य बीमा और अच्छा कार्य-जीवन संतुलन मिलता है। अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश में हैं और तकनीकी क्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो मेट्रो ड्राइवर बनना एक बेहतरीन करियर विकल्प हो सकता है। जैसे-जैसे भारत में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, इस क्षेत्र में नौकरी के और अवसर बढ़ेंगे।