आईआईटी मद्रास द्वारा जारी की गई जेईई एडवांस्ड 2024 की रिपोर्ट ने कई महत्वपूर्ण और रोचक तथ्यों को उजागर किया है, जो इस साल के आईआईटी प्रवेश प्रक्रिया और छात्रों की प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष कुल 17,695 छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिला है, जिनमें 14,200 लड़के और 3,495 लड़कियां शामिल हैं। रिपोर्ट से यह भी पता चला कि टॉप 1000 रैंकर्स में से 45% छात्रों ने आईआईटी बॉम्बे और दिल्ली को चुना, जबकि 24% छात्रों ने कानपुर और मद्रास को प्राथमिकता दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, टॉप रैंकर्स की पसंद मुख्य रूप से पुराने और प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों की ओर झुकी हुई है। उदाहरण के लिए, टॉप 50 में से 47 छात्रों ने आईआईटी बॉम्बे और 2 ने आईआईटी दिल्ली को चुना है। टॉप 100 में, 72 छात्रों ने बॉम्बे, जबकि मात्र 2 छात्रों ने मद्रास को चुना। इसी तरह, टॉप 200 में 100 छात्रों ने बॉम्बे, 50 ने दिल्ली, 30 ने मद्रास और 16 ने कानपुर को चुना। टॉप 500 के छात्रों में 179 ने बॉम्बे, 109 ने दिल्ली, 69 ने मद्रास, और शेष छात्रों ने अन्य प्रमुख आईआईटी जैसे खड़गपुर, कानपुर, रूड़की और गुवाहाटी को चुना।
पुराने आईआईटी संस्थानों को प्राथमिकता देने के पीछे कई कारण सामने आए हैं। पहला कारण है प्रतिस्पर्धी माहौल, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास में मदद करता है। इसके अलावा, पुराने आईआईटी में बेहतरीन जॉब प्लेसमेंट की संभावनाएं होती हैं, जहां बड़ी कंपनियां अच्छे पैकेज ऑफर करती हैं। साथ ही, इन संस्थानों के प्रोफेसरों की सिफारिशें विदेश में पढ़ाई के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होती हैं। स्टार्टअप्स के लिए भी पुराने आईआईटी में बेहतर माहौल और फंडिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
जेईई एडवांस्ड 2024 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि छात्र अभी भी पुराने और प्रतिष्ठित आईआईटी को अधिक महत्व देते हैं। हालांकि, नए आईआईटी को भी अपनी पहचान और प्रतिष्ठा बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। यह रिपोर्ट हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सभी आईआईटी को समान स्तर पर कैसे लाया जा सकता है।