Jagannath Rath Yatra 2025: इस बार रथ यात्रा में बदल जाएगी 48 साल पुरानी परंपरा, खास अंदाज में भक्तों के बीच आएंगे भगवान जगन्नाथ, जानिए पूरी खबर
Jagannath Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों से चल रही है। इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी अनुसार रथ यात्रा से जुड़ी 48साल पुरानी परंपरा इस बार बदल जाएगी...

Jagannath Rath Yatra 2025: हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से यात्रा का प्रारंभ होता है और 9 दिन तक यह यात्रा चलती है। रथ यात्रा को एकमात्र ऐसा पर्व माना गया है जब भगवान स्वयं मंदिर से बाहर निकलते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। पूरी के साथ साथ पूरे देश में इस्कॉन मंदिर के द्वारा भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाती है। वहीं इस्कॉन (ISKCON) द्वारा हर साल कोलकाता में आयोजित की जाने वाली भव्य रथ यात्रा इस बार एक खास वजह से चर्चा में है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की झांकियां इस वर्ष सुखोई लड़ाकू विमान के टायरों पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगी।
48 सालों की परंपरा में बदलाव
पिछले 48 वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए इस साल रथ में तकनीकी बदलाव किया गया है। अब तक रथ को बोइंग विमान के टायरों की मदद से खींचा जाता था, लेकिन इन टायरों के काफी पुराने हो जाने और लंबे समय से रिप्लेसमेंट न मिलने के कारण अब इस परंपरा में नया अध्याय जुड़ गया है।
बोइंग से सुखोई तक का सफर
इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने जानकारी दी कि बोइंग के टायर अब मिलना लगभग असंभव हो गया है। इस वजह से कई वर्षों से विकल्प की तलाश चल रही थी। सुखोई के टायरों का डायमीटर बोइंग के टायरों से मेल खाता है, इसलिए इस बार इनका चयन किया गया। उन्होंने बताया कि जब इस्कॉन ने सुखोई विमान बनाने वाली कंपनी से टायरों को लेकर कोटेशन मांगा, तो कंपनी पहले चकित रह गई। उन्हें समझ नहीं आया कि कोई युद्धक विमान के टायरों का रथ यात्रा के लिए उपयोग क्यों करना चाहता है। बाद में इस्कॉन की ओर से पूरी प्रक्रिया समझाई गई और कंपनी की एक टीम को कोलकाता बुलाकर रथ का निरीक्षण कराया गया। इसके बाद चार टायर इस्कॉन को उपलब्ध कराए गए, जिन्हें रथ में लगाने का काम फिलहाल जारी है।
परंपरा और आधुनिकता का संगम
राधारमण दास ने कहा कि, "यह केवल तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के मिलन का प्रतीक भी है। इस साल भगवान जगन्नाथ सुखोई के टायरों से सुसज्जित रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे, जो इस ऐतिहासिक आयोजन को और भी विशेष बना देगा।"
हर साल लाखों श्रद्धालुओं की जुटती है भीड़
कोलकाता में इस्कॉन की रथ यात्रा पूरे देश में प्रसिद्ध है। हर साल इसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की झांकियों को भव्य रथों में सजाया जाता है और शहर की सड़कों पर उत्साहपूर्वक खींचा जाता है। इस बार तकनीकी बदलाव के साथ यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक नई अनुभूति लेकर आएगी, जिसमें आस्था के साथ-साथ आधुनिकता की झलक भी देखने को मिलेगी।