Free Cancer Treatment: अब कैंसर पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए खेत या जेवर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी सरकारी अस्पतालों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब धीरे-धीरे कैंसर जैसे लाइलाज बीमारी का इलाज बिहार के जिलों में ही संभव होने लगा है। बिहार सरकार ने कैंसर रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अगले तीन वर्षों में, राज्य के सभी जिलों में कैंसर डे-केयर सेंटर खोले जाएंगे। वर्तमान में, बिहार के 17 जिलों में ऐसे सेंटर पहले से ही संचालित हैं, और 12 जिलों में सेवाएं बहाल की जा चुकी हैं। इसके अलावा, पांच जिलों में ये सेवाएं अंतिम चरण में हैं। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कैंसर रोगियों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
एनएमसीएच, पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, बेतिया, मधेपुरा, अरवल, कैमूर, भोजपुर व बिम्स,पावापुरी में डे केयर की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा बेगूसराय, समस्तीपुर, मोतिहारी, सिवान और किशनगंज में कैंसर मरीजों के लिए डे केयर की स्थापना अंतिम चरण में हैं।
इन डे-केयर सेंटरों में कैंसर मरीजों को ओपीडी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसमें मरीजों की जांच की जाएगी, और यदि उनमें कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें ट्यूमर बोर्ड के पास भेजा जाएगा। ट्यूमर बोर्ड द्वारा कैंसर के स्टेज का निर्धारण किया जाएगा और उसके अनुसार इलाज की योजना बनाई जाएगी। इसके अलावा, इन सेंटरों में मरीजों को कीमोथेरेपी जैसी उपचार भी उपलब्ध होंगी।
इसके साथ ही, गया, भागलपुर और मधेपुरा में नए रेडियोथेरेपी केंद्र खोले जाने की योजना है। वर्तमान में बिहार में केवल सात रेडियोथेरेपी केंद्र हैं, जिनमें से छह पटना में स्थित हैं। यह कदम राज्य में कैंसर उपचार सुविधाओं को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।