भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के बीच इतिहास के पन्नों में एक नया नाम दर्ज हो गया है- तनुष्का सिंह। उत्तर प्रदेश की रहने वाली तनुष्का सिंह ने देश की पहली महिला जगुआर फाइटर पायलट बनकर वायुसेना में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि ऊंचाइयों को छूने का सपना देखने वाली हर लड़की के लिए प्रेरणा है।
तनुष्का का बचपन तो सामान्य बीता, लेकिन उनकी सोच हमेशा ऊंची उड़ान भरने की थी। आसमान में लड़ाकू विमानों को उड़ते देख उन्होंने दिल में ठान लिया था कि एक दिन वह भी आसमान की ऊंचाइयों में भारत की ताकत बनेंगी। उनके सपने को पूरा करने के लिए उनके माता-पिता ने भी हर संभव सहयोग दिया।
तनुष्का की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के एक प्रतिष्ठित स्कूल में हुई। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली तनुष्का ने एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी) पास कर भारतीय वायुसेना अकादमी में दाखिला लिया। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने खुद को एक मेहनती और समर्पित कैडेट के रूप में साबित किया। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और बेहतरीन प्रदर्शन ने उन्हें जगुआर फाइटर जेट उड़ाने के लिए चुने गए सीमित पायलटों में से एक बना दिया।
जगुआर फाइटर जेट भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख लड़ाकू विमान है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से जमीनी हमले और रणनीतिक अभियानों के लिए किया जाता है। इस जेट को उड़ाना आसान नहीं है, लेकिन तनुष्का ने अपने कठोर प्रशिक्षण और दृढ़ संकल्प से साबित कर दिया कि वह इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
तनुष्का की यह उपलब्धि भारत की बेटियों को एक नई प्रेरणा देगी। उन्होंने दिखा दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल भारतीय वायुसेना के लिए गर्व की बात है, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए एक संदेश भी है, जो मुश्किलों से डरने की बजाय अपने सपनों को पूरा करने का साहस रखती हैं। भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद अब तनुष्का का अगला लक्ष्य लड़ाकू अभियानों में खुद को साबित करना और देश की रक्षा में अपनी भूमिका निभाना है। उनका सपना भविष्य में अन्य महिलाओं को लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए प्रेरित करना और देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देना है।