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पानी पर चलने का दावा करने वाले बाबा की निकली हवा,चमत्कार देखने जुटे लोगों के सामने हो खुली पोल,भक्त भी भाग निकले...वॉच वीडियो

बाबा की असलियत जैसे ही सामने आई, लोगों का अंधविश्वास भी खत्म होने लगा। जो लोग कुछ देर पहले बाबा की जयजयकार कर रहे थे, वे अब धीरे-धीरे वहां से खिसकने लगे।

पानी पर चलने का दावा करने वाले बाबा की निकली हवा,चमत्कार देखने जुटे लोगों के सामने हो खुली पोल,भक्त भी भाग निकले...वॉच वीडियो
बाबा का पाखंड लोगों के आया सामने!- फोटो : SOCIAL MEDIA

Dhongi baba Viral Video: भारत में अंधविश्वास और धर्म का चोला पहनकर लोगों को धोखा देने की घटनाएं आम हैं। जब कोई खुद को दिव्य शक्तियों से संपन्न बताता है, तो बहुत से लोग बिना सोचे-समझे उसकी बातों पर विश्वास कर लेते हैं। कुछ समय बाद जब सच्चाई सामने आती है, तो इन बाबाओं का पाखंड उजागर हो जाता है। इसी तरह की एक घटना छत्तीसगढ़ के रायपुर के पास कठिया गांव में भी देखने को मिली, जहां एक बाबा का ढोंग उस समय उजागर हो गया जब उसने दावा किया कि वह पानी के ऊपर चल सकता है।


शिवदास बंजारे का ढोंग और उसके दावे

कठिया गांव के 42 वर्षीय शिवदास बंजारे ने खुद को दिव्य शक्ति से संपन्न बाबा घोषित कर दिया। उसने दावा किया कि वह बिना तेल के खाना बना सकता है और पानी के ऊपर चल सकता है। गांव में कुछ लोगों ने उसकी बातों पर विश्वास करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे वह गांव में एक चर्चित व्यक्ति बन गया। उसकी बातों ने गांव वालों में अंधविश्वास को बढ़ावा दिया और लोग दूर-दूर से उसे देखने आने लगे। बाबा ने 10 अक्टूबर को गांव के तालाब पर चलने का ऐलान किया। पूरे गांव में यह खबर फैल गई और लोगों ने इसे चमत्कार मानकर बाबा की पूजा शुरू कर दी। यहां तक कि तहसीलदार, पटवारी और थाना प्रभारी भी इस चमत्कार को देखने पहुंचे।




तालाब में बाबा का असलियत से सामना

जैसे ही वह 10 अक्टूबर को तालाब पर चलने के लिए पहुंचे, भक्तों ने उनकी जयजयकार शुरू कर दी। लेकिन असली चमत्कार तो तब हुआ जब बाबा ने तालाब में पांव रखा और कुछ ही देर बाद पानी के ऊपर चलने की बजाय तैरने लगे। पानी की गहराई बढ़ने के साथ ही बाबा डूबने लगे। यह देखकर वहां पहले से मौजूद गोताखोरों ने उन्हें तालाब से बाहर निकाला।


बाबा का पाखंड उजागर

बाबा की असलियत जैसे ही सामने आई, लोगों का अंधविश्वास भी खत्म होने लगा। जो लोग कुछ देर पहले बाबा की जयजयकार कर रहे थे, वे अब धीरे-धीरे वहां से खिसकने लगे। गांव में बाबा का पाखंड सामने आते ही उनकी लोकप्रियता का अंत हो गया। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि अंधविश्वास और धर्म का दुरुपयोग कर लोगों को बेवकूफ बनाना कितना खतरनाक हो सकता है।


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