Bihar Crime: छुट्टी में आए जवान की पीट-पीटकर हत्या, घात लगा कर बैठे अपराधियों ने उतार दिया मौत के घाट

Bihar Crime: आईटीबीपी के जवान का लहूलुहान शव जब अस्पताल पहुंचा, तो सिर्फ एक आदमी नहीं, एक वर्दी...एक भरोसा... एक अभिमान टूटा था।

 आईटीबीपी के जवान की हत्या
छुट्टी में आए जवान की पीट-पीटकर हत्या- फोटो : social Media

Bihar Crime: जब एक जवान सरहद से छुट्टी लेकर अपने गांव लौटता है, तो गांव की मिट्टी उसे सुकून देती है। खेतों में अपने हाथों से हल चलाना, मां के हाथों का खाना और बचपन की गलियों से होकर गुज़रना यही तो है वो सुकून, जो देश की सीमाओं पर तैनात एक सिपाही को ताक़त देता है। मगर गया के बिहियाईन गांव में इस सुकून की कीमत चुकानी पड़ी अपनी जान देकर। आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के जवान संजय यादव का लहूलुहान शव जब अस्पताल पहुंचा, तो सिर्फ एक आदमी नहीं, एक वर्दी... एक भरोसा... एक अभिमान टूटा था।

संजय यादव गया जी के वजीरगंज थाना क्षेत्र स्थित बिहियाईन गांव में छुट्टी पर आए थे। गुरुवार शाम अपने खेत से काम कर लौट रहे थे। यही वो वक़्त था जब अपराधियों ने उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडों से हमला कर दिया।पिटाई इतनी बेरहमी से की गई कि संजय गंभीर रूप से घायल हो गए।

उन्हें इलाज के लिए गया मगध मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन वो ज़िंदगी की लड़ाई हार गए।पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ हो रही है।

बताया जा रहा है कि संजय की किसी से पुरानी रंजिश थी — यही उनकी हत्या की वजह बन सकती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या रंजिश इतनी बड़ी थी कि एक देश के जवान की पीट-पीटकर जान ले ली जाए?

घटना की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम (FSL),तकनीकी जांच इकाई और एक विशेष पुलिस टीम को जांच में लगाया गया है।संजय यादव देहरादून में तैनात थे और हाल ही में उनका तबादला छत्तीसगढ़ हुआ था।वो छुट्टियां मनाने नहीं, कुछ वक्त अपनी मिट्टी में बिताने आए थे।

मगर वो मिट्टी, जिसमें उसने खेलकर जवान हुआ था, उसी ने उसकी चिता को अंतिम रूप दिया।साल है कि क्या देश के लिए जान की बाज़ी लगाने वाला जवान अपने गांव में सुरक्षित नहीं?