Bihar Crime: चलती ट्रेन में मोबाइल छिनैती का खेल, संतुलन बिगड़ते ही युवक गिरा पटरी पर, घर में कोहराम
जैसे ही ट्रेन आरा स्टेशन से खुली, उसी दौरान एक युवक उसके मोबाइल को छीनकर भागने लगा। मोबाइल छिनैती के विरोध में प्रेम ने उसे पकड़ने की कोशिश की। लेकिन ...
Bihar Crime: दानापुर–पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड की पटरियों पर अपराध की दास्तान फिर उसी अंन्दाज़ ए जुर्म में लिखी गई, जब आरा रेलवे स्टेशन पर एक युवक चलती ट्रेन से गिरकर बुरी तरह जख्मी हो गया।न जैसे ही आरा स्टेशन से सरकनी शुरू हुई, उसी दम एक संदिग्ध टाइप का युवक उसके बेहद जरूरी मोबाइल को झपट्टा मारते हुए खींचकर भागने लगा। प्रेम ने भी हिम्मत दिखाते हुए उसको दबोचने का जुगाड़ किया, मगर इसी दौरान उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह धड़ाम से चलती ट्रेन से नीचे पटरी पर गिर पड़ा। यह पूरा वाकया किसी फ़िल्मी सीन की तरह नहीं, बल्कि असली ज़िंदगी की वह कड़वी हकीकत थी जिसमें अपराधी बेखौफ और आम आदमी बेबस नज़र आता है। घायल युवक की पहचान जहानाबाद जिले के पारस बिगहा थाना इलाके के नौरू जहानाबाद गांव के रहने वाले प्रेम कुमार, पिता कर्पूरी ठाकुर, उम्र लगभग 26 साल के रूप में हुई।
प्रेम का कहना है कि वह बक्सर में एक मुर्गी फ़ार्म में मेहनत-मज़दूरी करता है। छुट्टी मिलते ही वह काशी-पटना एक्सप्रेस से आरा पहुँचा था और आगे पटना होते हुए जहानाबाद घर लौटना था। पर किसे पता था कि सफर अचानक छिनैती के खेल में तब्दील हो जाएगा। प्रेम के मुताबिक, ट्रेन जैसे ही आरा स्टेशन से सरकनी शुरू हुई, उसी दम एक संदिग्ध टाइप का युवक उसके बेहद जरूरी मोबाइल को झपट्टा मारते हुए खींचकर भागने लगा। प्रेम ने भी हिम्मत दिखाते हुए उसको दबोचने का जुगाड़ किया, मगर इसी दौरान उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह धड़ाम से चलती ट्रेन से नीचे पटरी पर गिर पड़ा।
गिरते ही उसके सिर पर गहरी चोट, शरीर पर कई जगहों पर घाव, और दर्द से कराहती हालत—पूरी दास्तान खुद बयां कर रही थी कि वारदात कितनी संगीन थी। चोट की तपिश के बावजूद प्रेम किसी तरह घिसटते हुए उठा और मुर्गी फ़ॉर्म के मालिक को फोन कर घटना की इत्तला दी। उधर फ़ॉर्म मालिक के मुताबिक, प्रेम सुबह करीब साढ़े आठ बजे बक्सर से निकला था और ठीक एक घंटे बाद उसने कांपती आवाज़ में हादसे की खबर दी।
स्थानीय लोगों की मदद से प्रेम को झटपट आरा सदर अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया। घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि रेलवे स्टेशनों पर मोबाइक झपटी, जेबतराशी और लूटपाट करने वाले गिरोह आखिर इतने बेखौफ क्यों घूम रहे हैं?
रिपोर्ट- आशीष कुमार