Bihar news: बिहार सरकार अवैध खनन रोकने को लेकर माफियाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। राज्य सरकार के नए कंट्रोल ऑफ क्राइम एक्ट (सीसीए) 2024 के तहत इन अपराधियों के खिलाफ जिला बदर और निरुद्धादेश की कार्रवाई की जाएगी। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (eou ) ने सभी जिलों के डीएम-एसपी को इस संबंध में पत्र लिखा है।ईओयू ने सभी डीएम-एसपी को लिखे पत्र में कहा है कि संगठित अपराधों से जुड़े माफिया तत्वों की सूची तैयार करें। नये सीसीए एक्ट के तहत अवैध खनन के मामलों में सर्वाधिक कार्रवाई होने की उम्मीद है।
गया के एक बालू माफिया ने 11 लाख 2500 घन फीट बालू बेच दिया था
बता दें, अवैध खनन पटना सहित 13 जिलों में बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसको देखते हुए पटना, गया, सारण, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, लखीसराय, बांका, खगड़िया, नवादा, भागलपुर और जहानाबाद के डीएम-एसपी से इओयू ने अलग से रिपोर्ट मांगी है। गृह विभाग बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय भी बालू के अवैध कारोबार और अन्य आर्थिक गतिविधि में संलिप्त अपराधियों के खिलाफ दर्ज केस आदि को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हाल में ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम कंपनी के निदेशकों के खिलाफ ईडी ने ठोस कार्रवाई की है. दोनों कंपनी से जुड़े कई बालू माफियाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. बालू के अवैध खनन में सिर्फ ब्रॉडसन कंपनी ही नहीं है. बल्कि कई कंपनियां शामिल हैं,जिनके खिलाफ खनन विभाग ने बालू की चोरी का केस दर्ज किया है. गया में एक बालू माफिया ने तो 11 लाख 2500 घन फीट में बालू का अवैध खनन कर बेच दिया. यह अवैध खेल काफी दिनों से चल रहा था. एक दिन गया सदर के एसडीपीओ के नेतृत्व में छापेमारी हुई तो पूरी पोल -पट्टी खुल गई। इसके बाद उक्त बालू माफिया के खिलाफ गया के एक थाने में केस दर्ज किया गया.
नये कानून में अवैध खनन, साइबर अपराध और शराब तस्करी सीसीए के दायरे में
मालूम हो कि 1986 के सीसीए यानि क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत मर्डर, लूट, डकैती आदि घटनाओं में ही जिला बदर और निरुद्धादेश आदि की कार्रवाई की जाती थी। खास कर चुनाव के वक्त मतदान प्रभावित किये जाने की आशंका को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल होता था। लेकिन, बिहार सरकार ने 2024 में सीसीए में बदलाव करते हुए इसमें संगठित अपराध को भी शामिल किया। संगठित अपराध की श्रेणी में अवैध खनन, शराब तस्करी और आइटी एक्ट के तहत होने वाले साइबर अपराध भी शामिल किये गये हैं।
खनन विभाग ने 2022 में बेलागंज थाने में बालू माफिया के खिलाफ दर्ज कराया था केस
गया के खनिज विकास पदाधिकारी ने 4 मार्च 2022 को बालू की अवैध खनन से संबंधित केस बेलागंज थाना में दर्ज कराया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि बालू माफियाओं ने लगभग 6 करोड रुपए की बालू की अवैध निकासी कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया है. गया के खनिज विकास अधिकारी विकास कुमार पासवान इस संबंध में बेलागंज थाने में केस दर्ज करने को लेकर आवेदन दिया था. आवेदन में कहा था कि 3 मार्च 2022 को सूचना के आधार पर श्रीपुर बालू घाट क्लस्टर संख्या (21) एवं आसपास के क्षेत्र में बालू के अवैध खनन-परिवहन की सूचना पर एसडीपीओ गया सदर, खान निरीक्षक एवं सशस्त्र बल के साथ संयुक्त रूप से जांच की गई थी. जांच दल को देखते हैं बालू घाट पर मौजूद खनन माफिया काम छोड़कर भागने लगे थे. वहां जाने पर पाया गया कि बालू का अवैध उत्खनन किया गया है. जिसकी लंबाई लगभग 700 फीट, चौड़ाई 315 फीट एवं गहराई 5 फीट है. कुल 11 लाख 2500 घन फिट में बालू का अवैध खनन किया गया है. जांच में यह भी पाया गया कि संवेदक ने अपने निर्धारित क्षेत्र से बाहर जाकर बेलागंज खिजरसराय पुल से 318 मीटर की दूरी तक खनन कार्य किया है, जबकि पुल से न्यूनतम 500 मीटर की दूरी तक में ही बालू का खनन किए जाने का प्रावधान है. श्रीपुर बालू घाट का संचालन विजय कुमार प्रोपराइटर मेसर्स विजय कंस्ट्रक्शन चाणक्यपुरी कॉलोनी गया के द्वारा किया जा रहा है,यह क्लस्टर संख्या 21 के संवेदक हैं. अवैध रूप से बालू की निकासी किए जाने से सरकार को 5 करोड़ 87 लाख 33125 रू राजस्व की क्षति हुई है. माफियाओं ने जो सरकारी राजस्व की क्षति की है उसे वसूल की जानी है. ऐसे में उनके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करें. खनन विकास पदाधिकारी गया के पत्र के आधार पर बेलागंज पुलिस ने विभिन्न धाराओं में आरोपी ठेकेदार विजय कुमार के खिलाफ केस NO - 75/22 दर्ज कर लिया. इधर, केस दर्ज कराने के बाद खनन विभाग के अधिकारी और पुलिस भी शांत बैठ गई. लिहाजा दबते दिख रहा है. चूंकि बिहार में बालू खनन में चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आर्थिक अपराध इकाई सक्रिय है. बालू के अवैध खनन में शामिल दो बड़ी कंपनी का मामला ईडी को दिया गया है. अब देखने वाली बात होगी...गया के बेलागंज थाने में लगभग 6 करोड़ के बालू बेचकर राजस्व चोरी करने के मामले समेत इस तरह के अन्य केसों में ईओयू की इंट्री कब तक होती है .