Bihar News:चुनाव ड्यूटी पर आए ITBP जवान ने खुद को मारी गोली, छत पर मिली लाश, कैम्प में मचा कोहराम

ITBP के जवान गौतम कुमार यादव ने स्कूल की छत पर खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी।...

Bihar News:चुनाव ड्यूटी पर आए ITBP जवान ने खुद को मारी गोली,
:चुनाव ड्यूटी पर आए ITBP जवान ने खुद को मारी गोली- फोटो : social Media

Bihar News:बिहार के बेतिया जिले में  एक सनसनीखेज वारदात ने हड़कंप मचा दिया। कोहड़ा इंटरस्तरीय स्कूल, बैरिया में तैनात ITBP के जवान गौतम कुमार यादव (33) ने स्कूल की छत पर खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी। गोली की तेज आवाज ने पूरे कैंप में दहशत फैला दी, मानो किसी ने अचानक फायर की पुकार लगा दी हो। साथ में ड्यूटी कर रहे जवान तुरंत हथियार संभाले भागते हुए छत पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी गौतम खून से लथपथ अवस्था में निर्जीव पड़े थे।

झारखंड के धनबाद के रहने वाले गौतम 7 नवंबर को चुनावी बंदोबस्त के तहत अपनी टीम के साथ बेतिया पहुंचे थे। स्कूल को ही अस्थायी कैम्प बनाया गया था और शनिवार की रात उन्हें यहां से रवाना होना था। मगर उससे ठीक एक दिन पहले, दोपहर करीब 2 बजे, गौतम अचानक छत पर पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ ही क्षण बाद तेज आवाज आई ऐसी आवाज, जिसे सुनकर बाकी जवानों को तुरंत समझ आ गया कि मामला सीरियस है।

छत पर पहुंचने पर जवानों ने देखा कि गौतम की सर्विस राइफल उनके बगल में पड़ी थी और सिर पर नजदीक से फायर के साफ निशान थे। दृश्य इतना भयावह था कि कुछ जवानों के होश उड़ गए। कैंप कमांडर ने तत्काल वायरलेस पर संदेश फ्लैश कर दिया। कुछ ही देर में श्रीनगर थाना पुलिस, थानाध्यक्ष अमित कुमार पाल और एसडीपीओ रजनीशकांत प्रियदर्शी के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गई। पंचनामा कर शव को कब्जे में लिया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

पूरे कैंप में इस घटना ने चिंता और खामोशी का माहौल पैदा कर दिया है। जवानों के बीच चर्चा है कि गौतम पिछले कुछ दिनों से असामान्य रूप से चुप-चुप रहते थे, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि बात इतनी आगे बढ़ जाएगी। अभी तक आत्महत्या के पीछे की असली वजह साफ नहीं हो सकी है। पुलिस और ITBP अधिकारियों ने कहा है कि परिजनों से पूछताछ और उनके आने के बाद ही कुछ ठोस संकेत मिल सकते हैं।

फिलहाल मामला पुलिस और फोर्स, दोनों के लिए हाई-अलर्ट इन्वेस्टिगेशन का विषय बना हुआ है। चुनावी ड्यूटी के बीच इस तरह की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को मानसिक तनाव, ड्यूटी प्रेशर और फोर्स के भीतर हेल्थ मॉनिटरिंग जैसे गंभीर सवालों से फिर रूबरू करा दिया है।