Aurangabad news - गांव में दंपती की नहीं हो रही थी संतान, होलिका के साथ दे दी बुजुर्ग की नरबलि, जिंदा जला दिया
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Aurangabad - औरंगाबाद पुलिस ने दिल दहला देने वाली घटना का उद्भेदन करते हुए नरबलि देनेवाले 5 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। मामले की जानकारी जिले के पुलिस कप्तान अम्बरीष राहुल ने दी। उन्होंने हत्या की जो कहानी बताई, वह हर किसी को हैरान करनेवाला था।
उन्होंने बताया कि मदनपुर थाना क्षेत्र के बंगरे गाँव के कुछ लोग 14 मार्च को मदनपुर थाना पर आकर बताया कि मेरे पिता युगल यादव होली के दिन से गायब है और हमे आशंका है कि उनकी हत्या कर दी गई है, जिसकी प्राथमिकी दर्ज करते हुए डीएसपी 2 के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इसी बीच बंगरे गाँव के लोगों ने बताया कि हमारे गांव में जहाँ पर होलिका दहन किया गया है उसके राख से कुछ मानव हड्डियां निकल रहा है। सूचना मिलते ही मदनपुर थाना की पुलिस एफएसएल की टीम को लेकर मौके पर पहुचे उस हड्डियों को एकत्रित किया और वहीं एक चपल भी बरामद हुई।
जिस चपल की पहचान कराई गई तो परिजनों ने बताया कि यह युगल यादव का ही है चपल है, इसके उपरांत पुलिस सघनता से जांच करने लगी तो एक पुलिया के पास कुछ खून का निशान मिला, जिसको लेकर डॉग स्क्वाड के टीम को बुलाया गया, डॉग ब्लड को सूंघ कर घूमते घूमते रामशीष रिखियासन के घर मे जाकर रूका। जब रामशीष का पता लगया गया तो वह घर से फरार बताया गया लेकिन उस समय उसके साले घर में मौजूद थे।
जब पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ किय की तो उन्होंने सारी घटना को उजागर कर दिया उन्होंने बताया कि रामशीष घर में ओझा गुनी का काम करता है और इसी गांव के सुधीर पासवान को बच्चा नही हो रहा था। जिसको लेकर नरबली देना था और होलिका जलने के दिन ही देना था। जिसको लेकर पहले से ही प्लांनिग किया जा रहा था और उस दिन जब सारे लोग घर चलेगये तब हम लोगों के साथ केवल युगल यादव ही रह गये थे जिसको बलि दे दिया गया।
पकड़े गये आरोपियों के निशानदेही तथा डॉग के आधार पर आज मृतक का मुंडी भी बरामद कर लिया गया है तथा हत्या करने में इस्तेमाल किया गया धारदार हथियार भी बरामद कर लिया है।
पहले भी दे चुका है नरबलि
बताया गया कि रामशीष रिखियासन के द्वारा पूर्व में भी इस तरह की घटना का अंजाम दिया गया है। हांलांकि हत्या के मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के लिए छीपे मेरी किया जा रहा है
औरंगाबाद बिहार से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट