BHAGALPUR/NAUGACHHIA : होली के खुशियों भरे माहौल में रंगरा प्रखंड के सोहड़ा गांव में मातम पसर गया, जब मजदूरी कर लौट रहे सूरज कुमार (पिता: मनोज सिंह) की तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा चापर ढाला के पास हुआ, जहां नवगछिया की ओर से आ रही एक अनियंत्रित वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। घटना के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और सूरज को तुरंत रंगरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था—इलाज के दौरान सूरज ने दम तोड़ दिया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
सूरज की मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी आशा कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, "घर का चिराग होली के दिन ही बुझ गया। जो इस परिवार का सहारा था, उसे रफ्तार ने छीन लिया।" घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व मुखिया मुक्तिनाथ सिंह, मनोज सिंह, कारे सिंह, सुभाष सिंह, नंदन यादव, पंचस विनोद सिंह और पवन कुमार सहित कई ग्रामीण और समाजसेवी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
सवाल उठाती यह दुर्घटना
यह हादसा केवल एक परिवार का दुख नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग की वजह से हर दिन कई परिवार उजड़ रहे हैं। क्या सड़क सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे? प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को ऐसी घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है ताकि किसी और परिवार को होली या किसी भी त्योहार के दिन इस तरह के दुख का सामना न करना पड़े।
पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार
शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद सूरज कुमार का पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा जाएगा, जिसके बाद गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है, और हर किसी की जुबान पर बस एक ही सवाल है—आखिर कब तक रफ्तार की लापरवाही मासूम जिंदगियों को निगलती रहेगी?
report - anjanee kumar kashyap