जमुई: जहां एक ओर एनडीए सरकार गरीब मजदूर और किसानों की बात करते हैं वही जमुई जिले में मनरेगा के नाम पर 100 दिन की गारंटी देने वाली योजना की धज्जियां उड़ रही है। इसमें विभाग के पदाधिकारी ही लूट पाट मचाने में लगे हुए हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं जमुई सदर प्रखंड के चौडीहा पंचायत के नर्मदा गांव में मनरेगा के नाम पर चल रहे योजना की। नर्मदा गांव के वार्ड नंबर 12 में योजना संख्या 20607435/और 20607433 चलाई जा रही है जिसमें बिना कुछ काम कराए ही लगभग 5 लाख की राशि की निकासी कर ली गई है।
वही इस मामले में मनरेगा मजदूर से ही कार्य कराने का नियम है इसके बावजूद भी बिना काम कराए ही पैसे की निकासी कर ली गई। मीडिया के कैमरे पर ही मनरेगा मजदूर ने पूरी योजना की हवा निकाल दी और उन्होंने कहा कि इस योजना में मनरेगा के द्वारा कोई कार्य हुआ ही नहीं है अगर कार्य होता तो हमलोगों को काम जरूर मिलती मेरा घर भी यहीं पर है मेरे घर से होकर सड़क बनी है जिसमें हम लोगों को काम नहीं मिला और ना ही किसी मजदूर ने इसमें काम किया है।
साथ ही जो भी कार्य आप देख रहे हैं वह जेसीबी मशीन से ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा कराया गया है। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग में कार्य करने वाले मुंशी मंटू कुमार ने बताया कि जो कुछ भी कार्य हुआ है वह ग्रामीण कार्य विभाग से कराया गया है। इस पूरे मामले को लेकर जमुई जिले के उप विकास आयुक्त सुमित कुमार जमुई सदर प्रखंड के मनरेगा पीओ संजीव कुमार, मनरेगा P.T.A नंदू कुमार, चौड़िहा पंचायत के मनरेगा के रोजगार सेवक गौरी शंकर से भी बात की गई। परंतु किसी ने भी स्पष्ट रूप से जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा और ना ही इस कार्य में गुणवत्ता की कोई जानकारी किसी को है। हालाकि उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने मीडिया कर्मी को ही आवेदन देने की बात कही उसके बाद जांच करने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया।
रिपोर्ट- सुमित सिंह