JAMUI : बिना यूपीएससी पास किए फर्जी तरीके से आईपीएस की वर्दी पहननेवाले लखीसराय के मिथिलेश मांझी की मुश्किलें बढ़नेवाली है। कुछ दिन पहले पकड़े जाने के बाद जमुई पुलिस के सामने उसने जो बयान दिया था, वह झूठा साबित हुआ है। जिसके बाद अब मिथिलेश मांझी पर पुलिस की कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। खुद जमुई के एसडीपीओ ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि जमुई के बाजार में आईपीएस की वर्दी में मिथिलेश को जमुई पुलिस ने पकड़ा था। उसके पास से पुलिस ने एक नकली पिस्टल भी जब्त किया था। जिसके बाद उसे थाने लाया गया। जहां उसने पुलिस के सामने बयान दिया था कि मनोज सिंह नाम के एक शख्स ने उसे IPS बनाने के नाम पर ढाई लाख रुपये की ठग लिए थे और उसी ने उसे वर्दी और पिस्तौल दी थी। साथ ही उसने बताया कि यह पैसे उसके मामा ने दिए थे। मामले में पुलिस ने उसके बयान को सही मानकर बिना कोई केस दर्ज किए छोड़ दिया था।
लेकिन इसी बीच पुलिस ने जब उसके बयान की जांच कराई तो कुछ ही कहानी सामने आई। जांच में पता चला कि मिथिलेश ने मनोज के जिस नंबर की जानकारी पुलिस को दी थी, यह नंबर कई महीनों से बंद है। इसके बाद मिथिलेश के मोबाइल की जब कॉल डिटेल निकाली गई तब यह पता चला कि वो 20 सितंबर को वो खैरा गया ही नहीं था।
बहरहाल, मिथिलेश का सच सामने आने के बाद पुलिस उसे सरगर्मी से तलाश रही है। पुलिस को आशंका है कि जिस तरह उसने फर्जी आईपीएस की वर्दी पहनी थी उसी तरह उसकी बताई कहानी भी फर्जी है।
बता दें कि मिथिलेश मांझी मूल रूप से हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धनबीघा गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम भगलू मांझी है। 18 साल के मिथिलेश मांझी को पिछले महीने 20 तारीख को सिकंदरा-जमुई रोड स्थित बंधन बैंक के नजदीक आईपीएस की वर्दी पहनकर घूम रहा था। उसके पास रिवॉल्वर भी थी। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। हालांकि, रिवॉल्वर नकली थी।