बिहार से है कुख्यात ‘डॉक्टर डेथ’ का तगड़ा कनेक्शन जो भूल गया 50 के बाद कत्ल की गिनती मगरमच्छों को खिलाता था लाशें

Doctor Death: 'डॉक्टर डेथ' देवेंद्र शर्मा टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाता उनकी हत्या करके शव को मगरमच्छों से भरे कासगंज जिले की हजारा नहर में फेंक देता था, बिहार के इस जिले से पढ़कर बना डॉक्टर

बिहार से है कुख्यात ‘डॉक्टर डेथ’ का तगड़ा कनेक्शन जो भूल गया

N4N डेस्क: देश के सबसे कुख्यात सीरियल किलर में शुमार उत्तर प्रदेश के अलीगढ का मूल निवासी देवेंद्र शर्मा उर्फ “डॉक्टर डेथ” को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के दौसा जिले में स्थित एक आश्रम से उस वक्त धर दबोचा जब वो प्रवचन दे रह था. देवेंद्र शर्मा 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन निर्धारित समय पर वापस नहीं लौटा. तभी से वह फरार चल रहा था. पुलिस की पकड़ से बचने के लिए देवेन्द्र पहचान छुपाकर दौसा के एक आश्रम में पुजारी का वेश धारण कर प्रवचन देने लगा था. 

एक आश्रम छिपा था ‘सीरियल किलर’

67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी के वक्त पुलिस की टीम को यह जानकर हैरानी हुई कि वह शांत स्वभाव के एक पुजारी के रूप में रह रहा था. गिरफ्तारी के समय वह श्रद्धालुओं को प्रवचन दे रहा था. पुलिस टीम ने सादी वर्दी में आश्रम पर नज़र रखी और एक सिपाही ने भक्त बनकर उसका भरोसा जीतने के बाद उसकी पुष्टि की, जिसके बाद उसे मौके पर ही दबोच लिया गया.


देवेन्द्र शर्मा से बना 'डॉक्टर डेथ' वाया बिहार 

देवेंद्र शर्मा का जन्म पश्चिमी यूपी के जिले अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के गांव पुरैनी में एक सामान्य परिवार में हुआ था. देवेंद्र पढ़ाई में अच्छा था, जिसके बाद उसने बुलंदशहर में बहन के पास रहकर इंटर किया और फिर इसने बिहार के सिवान से दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से BAMS (आयुर्वेद चिकित्सा) की डिग्री हासिल की.1982 में उसकी शादी हुई और वह एक सामान्य जीवन जीने लगा.कालांतर में 2 बेटों का पिअत भी बना. तकरीबन 11 वर्षों तक चिकित्सकीय प्रैक्टिस की. इसके बाद उसने अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाया, जिसमें उसने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 125 से ज्यादा गैरकानूनी ट्रांसप्लांट कराए. जब ट्रांसप्लांट का धंधा ठंडा पड़ा, तो उसने टैक्सी चालकों को निशाना बनाना शुरू किया. दिल्ली से टैक्सी बुक करता, रास्ते में ड्राइवर की हत्या कर देता और लाश को यूपी के कासगंज जिले की हजारा नहर में फेंक देता, जहां मगरमच्छों के कारण शव कभी बरामद नहीं हो पाते थे. इसके बाद वह गाड़ी को कबाड़ बाजार में 20-25 हजार रुपये में बेच देता.


सिर्फ 7 हत्याओं में सजा, पर कबूल की 50 से ज्यादा

देवेंद्र को पुलिस ने पहले 21 टैक्सी ड्राइवरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन उसने पूछताछ में माना कि वह 50 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है, और अब उसे गिनती भी याद नहीं. मगर शव नहीं मिलने की वजह से अदालत ने उसे सिर्फ 7 मामलों में उम्रकैद और 1 में फांसी की सजा सुनाई थी.

दो बार पैरोल पर रिहा हुआ, दोनों बार भाग निकला

2020 में जयपुर सेंट्रल जेल से उसे अच्छे आचरण के चलते पहली बार पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन वह समय पर वापस नहीं लौटा. पुलिस ने उसे बाद में दिल्ली के बापरोला इलाके से दोबारा पकड़ा. दूसरी बार जून 2023 में उसे फिर से दो महीने की पैरोल दी गई, लेकिन एक बार फिर वह फरार हो गया और इस बार राजस्थान के दौसा में आश्रम में शरण ली.

कैसे हुआ पर्दाफाश?

लंबे समय से फरार देवेंद्र की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी.हाल ही में एक मोबाइल नंबर के दौसा में रिचार्ज होने की जानकारी मिली, जिससे पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा. जांच में पता चला कि वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर रह रहा है.

गाव में 7 बीघे जमींन

गांव पुरैनी ने देवेन्द्र के चचेरे भाई रामवीर शर्मा ने कहा कि वो जब तक गांव में था, उसने कोई गलत काम नहीं किया. 33 साल से वो गांव नहीं आया. उसका घर अब खंडहर बन चुका है. उसका छोटा भाई सुरेंद्र शर्मा CISF में दारोगा है. माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. गांव में केवल सात बीघा पुश्तैनी जमीन बची है, जिसे देखभाल के लिए सुरेंद्र समय-समय पर आता है.

बड़ा बेटा स्विटजरलैंड,छोटा मां संग मुंबई

 बेशक सार्वजनिक जीवन में यह चर्चाओं में है कि डा.देवेंद्र उर्फ डाक्टर डेथ व उसकी पत्नीे के बीच तलाक हो चूका है.वही मिल रही जानकारी के अनुसार पता चला है कि उसका बड़ा बेटा स्विटजरलैंड पहुंच गया, जबकि छोटा बेटा अपनी माँ के सतह मुंबई में रहता है और वही किसी कम्पनी में नौकरी करता है.