Bihar Crime: बिहार में 'क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल', कटिहार में रेलवे अधिकारियों ने खुद को किया 'कैद', दीवारें खड़ी कर बंद किए रास्ते

Bihar Crime:बिहार में केंद्र सरकार के अधिकारी भी दहशत में हैं। इसकी एक चौंकाने वाली तस्वीर कटिहार से सामने आई है, जहां रेलवे के अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा के लिए सिविलियन आबादी के आवागमन को बाधित करते हुए रास्तों पर दीवारें खड़ी कर दी हैं।

Crime out of control
बिहार में 'क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल'- फोटो : reporter

Katihar: बिहार में अपराध का बढ़ता ग्राफ अब इस कदर हावी हो गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारी भी दहशत में हैं। इसकी एक चौंकाने वाली तस्वीर कटिहार से सामने आई है, जहां रेलवे के अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा के लिए सिविलियन आबादी के आवागमन को बाधित करते हुए रास्तों पर दीवारें खड़ी कर दी हैं।

साहब पारा में बढ़ी आपराधिक वारदातें, DRM ने उठाया 'तानाशाही' कदम:

कटिहार रेलवे का एक महत्वपूर्ण हब है, और हाल के दिनों में यहां की सबसे पॉश रेलवे कॉलोनी, साहब पारा में कुछ आपराधिक वारदातें हुई थीं। इन घटनाओं ने रेलवे अधिकारियों में डर पैदा कर दिया। इसी के मद्देनजर, कटिहार रेलवे के डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) ने एक फरमान जारी कर वर्षों से उपयोग में आ रहे उन तीन महत्वपूर्ण सड़कों को दीवारें बनाकर बंद कर दिया है, जो साहब पारा से होकर बैंक, स्कूल, अस्पताल, स्टेशन और बाजार तक छोटी दूरी तय करने में सिविल प्रशासन की बड़ी आबादी को सुविधा प्रदान करती थीं।

आम जनता परेशान, DRM ने सुरक्षा का दिया हवाला:

इन रास्तों के बंद होने से सिविल प्रशासन के लोगों को अब इन स्थानों तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जब स्थानीय लोगों ने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से डीआरएम से इस समस्या के बारे में बात की, तो डीआरएम ने अपनी और अपने अधिकारियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए साहब पारा होकर सिविल कॉलोनी को जोड़ने वाली इन महत्वपूर्ण सड़कों की घेराबंदी को सही ठहराया।

रेल प्रशासन के 'तानाशाही' रवैये पर आक्रोश:

रेलवे अधिकारी भले ही अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खुद को 'किले' में बंद करने की दलील दे रहे हों, लेकिन रेल प्रशासन के इस 'तानाशाही' रवैये से रेलकर्मी और स्थानीय लोग भारी आक्रोश में हैं। वे इसे आम जनता के अधिकारों का हनन और अनावश्यक प्रतिबंध मान रहे हैं। यह घटना बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के कारण पैदा हुए भय और असुरक्षा की भावना को स्पष्ट रूप से दर्शाती है, जहाँ अब अधिकारी भी खुद को सुरक्षित महसूस करने के लिए ऐसे चरम कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति निश्चित रूप से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह