Bihar Crime News:बिहार में अपराधियों का तांडव, राजद विधायक का ड्राइवर मरा तो अब एक और ड्राइवर बना निशाना
Bihar Crime News: बिहार की ज़मीन पर अपराध का काला साया एक बार फिर गहराने लगा है।...
 
                            Bihar Crime News: बिहार की ज़मीन पर अपराध का काला साया एक बार फिर गहराने लगा है। खगड़िया ज़िले से आई ताज़ा वारदात ने न सिर्फ़ पुलिस-प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है बल्कि आम जनता के दिलों में खौफ़ की गहरी दरार छोड़ दी है। बीते शुक्रवार आरजेडी विधायक के ड्राइवर की हत्या की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि परबत्ता थाना क्षेत्र के करना गांव में एक और ड्राइवर को गोलियों से भून दिया गया।
वारदात की कहानी किसी फ़िल्मी सीन जैसी है, लेकिन यह सच्चाई है। 30 वर्षीय सुनील कुमार सिंह, पेशे से ड्राइवर, रात के सन्नाटे में अपने कमरे में सो रहा था। तभी नक़ाबपोश बदमाशों ने खिड़की से उसकी कनपट्टी, छाती और हाथ को निशाना बनाते हुए गोलियाँ दाग दीं। गोलियों की गूँज अँधेरे में गुम हो गई और बदमाश फ़रार हो गए। सुबह जब परिजनों ने दरवाज़ा खटखटाया तो कोई जवाब न मिला। खिड़की से झाँकने पर बेड पर खून से लथपथ सुनील की लाश दिखाई दी। पूरे गांव में सनसनी और सिहरन दौड़ गई।
सुनील के पिता कर्पूरी सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए एक बड़ा खुलासा किया। उनके मुताबिक, बेटे की शादी 2018 में नारायणपुर की बलहा गांव की लड़की से हुई थी। शुरू में सब ठीक रहा, लेकिन जल्द ही तल्ख़ियां बढ़ीं। पत्नी अक़्सर बाज़ार घूमने और फ़िल्म देखने की ज़िद करती थी, जबकि सुनील शांति से घर पर रहना चाहता था। नतीजा—तनाव, झगड़े और मारपीट। पिछले पाँच साल से पत्नी मायके में रह रही थी। पंचायत में रिश्ता तोड़ने और ₹1,70,000 मुआवज़े पर मामला तय हुआ था, लेकिन पत्नी तैयार नहीं हुई। पिता का दावा है कि यही अदावत बेटे की मौत की वजह बनी।
छोटे भाई अनिल सिंह ने भी पारिवारिक विवाद को ही हत्या का कारण बताया। उसका कहना है कि सुनील का किसी से कोई व्यक्तिगत झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी। लेकिन तनाव और मानसिक परेशानी ज़रूर उसके पीछे लगी हुई थी।
थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने जानकारी दी कि सुबह 10 बजे हत्या की सूचना मिली। पुलिस फ़ौरन मौके पर पहुँची और फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। उनकी बात में वही पुरानी सफाई—“जांच के बाद ही वजह साफ़ होगी।” लेकिन सवाल यह है कि जब ड्राइवरों की हत्याएं श्रृंखलाबद्ध ढंग से हो रही हों, तो क्या यह महज़ पारिवारिक विवाद का मामला है या इसके पीछे कोई बड़ा गैंगवार छुपा है?
यह वारदात कोई अकेली नहीं। बीते हफ़्ते अलौली में आरजेडी विधायक रामवृक्ष सदा के ड्राइवर लक्ष्मण सदा को पुलिस पिकेट से महज़ 100 मीटर की दूरी पर गोली मार दी गई थी। वहीं, गोगरी में आशा कार्यकर्ता पूनम वर्मा की गला रेतकर हत्या कर दी गई। लगातार तीन बड़ी वारदातों ने पूरे ज़िले को खौफ़ और दहशत के गर्त में धकेल दिया है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    