Bihar Crime:सीओ और नाजिर घूस लेते रंगे हाथ धराए, जमीन रजिस्ट्री के बदले ले रहे थे रिश्वत, निगरानी की छापेमारी से थर्राए भ्रष्ट अधिकारी

Bihar Crime:निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने अंचलाधिकारी और नाजिर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।

Vigilance arrested co and nazir

Bihar Crime: रिश्वतकांड ने सरकारी दफ्तरों में बैठे रिश्वतखोर अफसरों की पोल खोल दी है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने मधुबनी जिले के रहिका अंचल कार्यालय में पदस्थापित अंचलाधिकारी (सीओ) अभय कुमार और नाजिर आदित्य कुमार को 17,000 और 13,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ़्तारी किसी फ़िल्मी सीन से कम नहीं थी।

शिकायतकर्ता राहुल कुमार झा, जो मधुबनी के गौशाला मोहल्ला निवासी हैं, ने निगरानी ब्यूरो, पटना में शिकायत दर्ज कराई थी कि सीओ और उनके सहयोगी नाजिर, ज़मीन की रजिस्ट्री कराने के एवज में मोटी रिश्वत माँग रहे हैं। मामला एक सामान्य ज़मीन की रजिस्ट्री से जुड़ा था, जिसमें रजिस्ट्री दफ़्तर ने ज़मीन की स्थिति जानने के लिए रहिका अंचल से रिपोर्ट मंगवाई थी। लेकिन रिपोर्ट भेजने से पहले ही बाबुओं ने अपनी "खाकी कीमत" तय कर दी।

सीओ अभय कुमार ने 17,000 की डील तय की, जबकि नाजिर आदित्य कुमार ने 13,000 की मांग की। दफ्तरी भ्रष्टाचार की इस नंगी तस्वीर को सबूतों समेत उजागर करने के लिए निगरानी ब्यूरो ने प्लान बनाकर जाल बिछाया। तय समय पर जब रकम दी जा रही थी, तभी ब्यूरो की टीम ने दोनों भ्रष्ट अफ़सरों को रंगे हाथ दबोच लिया।

निगरानी की रिपोर्ट में बताया गया कि शिकायत की सत्यता जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद कांड संख्या 47/25 दर्ज कर कार्रवाई की गई। अब दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है और आगे की पूछताछ जारी है।इस कार्रवाई से एक बार फिर यह साफ़ हो गया कि सरकारी दफ्तरों में रिश्वत की दीमक किस तरह जनता के हक़ को चाट रही है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आगे भी ऐसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ सखत कदम उठाए जाएंगे या ये सिर्फ एक दिखावटी कार्रवाई बनकर रह जाएगी।