Bihar Teacher: शिक्षक से 7.50 लाख की साइबर ठगी, शेयर मार्केट के झांसे में गंवाई गाढ़ी कमाई, फर्जी अकाउंट से उड़ा पैसा

Bihar Teacher: साइबर ठगी का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां धरहरा के एक शिक्षक से शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 7.50 लाख रुपये की ठगी की गई।

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शिक्षक से 7.50 लाख की साइबर ठगी- फोटो : reporter

Bihar Teacher:मुंगेर जिले में साइबर ठगी का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां धरहरा के एक शिक्षक से शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 7.50 लाख रुपये की ठगी की गई। पढ़े-लिखे शिक्षक भी ज्यादा मुनाफे के लालच में साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए और अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा बैठे। पीड़ित की लिखित शिकायत पर मुंगेर साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया है, और साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर साइबर जागरूकता की कमी और फर्जी बैंक खातों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।

पीड़ित शिक्षक ने बताया कि जनवरी 2025 में उन्हें फेसबुक के जरिए शेयर मार्केट में निवेश का एक आकर्षक ऑफर मिला। ऑफर देने वाले व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर संपर्क किया और निवेश के लिए लुभाया। शिक्षक ने शुरुआत में 20,000 रुपये निवेश किए, और 15 दिन बाद उन्हें 21,500 रुपये का रिटर्न मिला। इस छोटे मुनाफे ने उनका भरोसा जीत लिया, और उन्होंने बड़ी रकम निवेश करने का फैसला किया। 

इसके बाद, शिक्षक ने दो बार में कुल 7.50 लाख रुपये ठग के बताए बैंक खाते में ट्रांसफर किए—पहली बार 4 लाख और दूसरी बार 3.50 लाख रुपये। ऑनलाइन ट्रांसफर में दिक्कत होने पर उन्होंने बैंक जाकर यह राशि ट्रांसफर की। लेकिन जब ठग ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया, तब शिक्षक को ठगी का अहसास हुआ। आनन-फानन में उन्होंने मुंगेर साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई।

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मुंगेर साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी शिया भारती ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, और मामले की गहन छानबीन की जा रही है। जांच के दौरान पता चला कि जिस बैंक खाते में 7.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे, वह फर्जी आईडी पर खोला गया था। डीएसपी ने बैंक प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठाए, क्योंकि फर्जी दस्तावेजों पर खाता खोलने में लापरवाही बरती गई। 

डीएसपी शिया भारती ने कहा, "ऐसे मामलों में ठग पहले छोटी रकम का रिटर्न देकर भरोसा जीतते हैं और फिर बड़ी राशि ठग लेते हैं। लोग थोड़े से मुनाफे के लालच में अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।" उन्होंने लोगों से साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूक रहने की अपील की।

यह मामला साइबर ठगी के उस आम पैटर्न को दर्शाता है, जिसमें ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, या व्हाट्सएप के जरिए लोगों को शेयर मार्केट, क्रिप्टोकरेंसी, या अन्य निवेश योजनाओं में मोटा मुनाफा देने का लालच देते हैं। शुरुआत में छोटा रिटर्न देकर भरोसा जीता जाता है, और फिर बड़ी रकम ठग ली जाती है। ऐसे मामलों में फर्जी बैंक खाते, फर्जी ऐप्स, और व्हाट्सएप ग्रुप्स का इस्तेमाल आम है।

मुंगेर में यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल के महीनों में बिहार के विभिन्न जिलों में साइबर ठगी की कई घटनाएं सामने आई हैं। 

पीड़ित शिक्षक ने बताया कि 7.50 लाख रुपये उनकी जिंदगी भर की बचत थी, जिसे उन्होंने बच्चों की शिक्षा और भविष्य के लिए जोड़ा था। ठगी का शिकार होने के बाद उनका परिवार आर्थिक और मानसिक संकट में है। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द ठगों को पकड़ने और उनकी रकम वापस दिलाने की गुहार लगाई है।

रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान