Bihar crime news: बिहार में महिला शराब तस्करी गैंग का बड़ा खुलासा, ट्रेन के जरिए धड़ल्ले से हो रही थी सप्लाई

Bihar crime news:बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी का खेल थमता नजर नहीं आ रहा। अब इस धंधे में अपराध का नया चेहरा सामने आया है।

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महिला शराब तस्करी गैंग का बड़ा खुलासा- फोटो : reporter

Bihar crime news:बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी का खेल थमता नजर नहीं आ रहा। अब इस धंधे में अपराध का नया चेहरा सामने आया है। पहले जहां पुरुष तस्करों का दबदबा था, वहीं अब महिलाएं भी बड़े पैमाने पर इस अवैध कारोबार में शामिल हो चुकी हैं। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है, जहां उत्पाद विभाग ने एक महिला शराब तस्करी गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग उत्तर प्रदेश से ट्रेन के रास्ते बिहार में शराब की खेप लाकर बेचने का काम कर रहा था।

जानकारी के अनुसार, यूपी के कुशीनगर से लाखों रुपये की शराब लेकर आठ महिलाओं समेत 11 लोग मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। सभी के पास विदेशी शराब की भारी खेप थी। शनिवार की देर रात ग्वालियर–बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन मुजफ्फरपुर स्टेशन से पहले आउटर सिग्नल पर भगवानपुर रेलवे गुमटी के पास रुकी। इसी दौरान तस्कर ट्रेन से शराब उतारकर निकलने की तैयारी कर रहे थे। तभी उत्पाद विभाग की टीम ने चारों तरफ से घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया।

गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग संगठित रूप से काम करता है और बिहार के कई जिलों में शराब की सप्लाई करता है। महिलाएं ट्रेन से शराब लाकर सुरक्षित डिलीवरी की जिम्मेदारी संभालती थीं ताकि पुलिस और आम लोगों को शक न हो। गिरोह का सरगना पूरी खेप को अलग-अलग नेटवर्क के जरिए बाजार तक पहुँचाने का काम करता था।

उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 11 लोगों में से 8 महिलाएं हैं, जो समस्तीपुर और बेगूसराय की रहने वाली हैं। इसके अलावा गैंग के एक सरगना को भी गिरफ्तार किया गया है। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा है और अलग-अलग ट्रेनों से लगातार शराब की तस्करी करता है।

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद तस्कर लगातार नए-नए तरीके अपनाते रहे हैं। पहले गाड़ियों और ट्रकों में छिपाकर शराब लाने का मामला सामने आता था, फिर नदी और बॉर्डर रास्तों से सप्लाई होती रही। अब ट्रेन को सबसे सुरक्षित रास्ता मानते हुए महिला तस्करों को आगे कर दिया गया है, ताकि शक की सुई आसानी से न घूमे।

यह कार्रवाई उत्पाद विभाग की बड़ी सफलता मानी जा रही है, लेकिन इसने एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया है  शराबबंदी के बावजूद आखिर कब तक तस्कर कानून को चुनौती देते रहेंगे और कब तक महिलाएं इस काले धंधे में मोहरा बनती रहेंगी?

रिपोर्ट-मणि भूषण शर्मा