Bihar Crime: प्रेम प्रसंग बना गुनाह, युवक को दी गई तालिबानी सजा, दबंगों ने पीट-पीट कर पहुंचाया अस्पताल,हालत नाजुक
Bihar Crime: पुराने प्रेम प्रसंग के शक में एक युवक को गांव के दबंगों ने तालिबानी अंदाज़ में सरेआम पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।

Bihar Crime: मुजफ्फरपुर जिले से एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पुराने प्रेम प्रसंग के शक में एक युवक को गांव के दबंगों ने तालिबानी अंदाज़ में सरेआम पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। मामला सकरा थाना क्षेत्र के बिशनपुर गांव का है, जहां 28 वर्षीय योगेन्द्र कुमार को प्रेम संबंधों की "सज़ा" दी गई – बिना कोर्ट, बिना गवाही, सिर्फ़ लाठी और नफ़रत के दम पर।
सुबह-सुबह जब योगेन्द्र अपनी बाइक से घर से निकला, उसी गांव के कुछ दबंगों ने उसे घेर लिया, पीटा, घसीटा और अधमरा कर दिया। पीड़ित को गंभीर हालत में सकरा थाना पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, योगेन्द्र कुमार अपने ननिहाल बिशनपुर में रहता है और पशुओं के इलाज का काम करता है। दो साल पहले गांव की एक महिला से उसका प्रेम प्रसंग था, जिसे लेकर गांव में पहले भी बवाल हो चुका था। लेकिन छह महीने पहले योगेन्द्र की शादी हो गई थी, जिसके बाद वह सामान्य जीवन बिता रहा था।फिर अचानक किसने, क्यों और किस अधिकार से उस पर हमला किया?यह सवाल अब पूरे इलाके को मथ रहा है।
यह हमला न सिर्फ़ क़ानून का मखौल है, बल्कि गांव की मानसिकता और जात-पात आधारित दबंगई का वह चेहरा भी है, जो अक्सर प्रेम जैसे निजी मामलों को "इज़्ज़त का मामला" बनाकर हिंसा का रास्ता अख्तियार कर लेता है।
सकरा थाना प्रभारी राजू कुमार पाल के मुताबिक मौके पर पुलिस टीम पहुंची और घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी तक पीड़ित पक्ष से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि गांवों में 'इश्क' करना अब भी 'इल्ज़ाम' है – जिसकी सज़ा लाठी और लोहे से दी जाती है, क़ानून की किताब से नहीं।और सबसे दर्दनाक बात ये है कि न्याय अब भी ‘आवेदन’ का मोहताज है, इंसाफ़ अब भी इंतज़ार में है।बहरहाल सवाल है कि क्या यह सिर्फ प्रेम प्रसंग की सज़ा थी या किसी सामाजिक साजिश का हिस्सा?क्या योगेन्द्र की शादी से किसी को रंजिश थी?और सबसे अहम सवाल कि क्या बिहार में कानून की जगह अब भीड़ की अदालत चलती है?
रिपोर्ट- मणि भूषण शर्मा