Bihar Crime: सेना के अधिकारी और उनकी पत्नी के साथ बिहार पुलिस ने की गुंडागर्दी,सेना के अधिकारी हुए सख्त,DGP ने लिया थानेदार पर बड़ा एक्शन

Bihar Crime: नालंदा में जेसीओ सूबेदार अजीत कुमार और उनके परिवार के साथ हुई बर्बरता की जानकारी मिलते हीं डीजीपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया है।

 Police committed hooliganism with an army officer
,DGP ने लिया थानेदार पर बड़ा एक्शन- फोटो : Reporter

Bihar Crime: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जिला नालंदा में भारतीय सेना के जूनियर कमीशंड ऑफिसर सूबेदार अजीत कुमार और उनके परिवार के साथ पुलिस द्वारा बर्बरता का मामला सामने आया था। जब सूबेदार अजीत कुमार ने विरोध किया, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जब यह मामला सेना के मुख्यालय तक पहुंचा, तो अधिकारियों ने अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। तत्पश्चात, सेना के अधिकारियों ने बिहार के डीजीपी विनय कुमार से मुलाकात की और कार्रवाई की मांग की। इसके परिणामस्वरूप, डीजीपी के आदेश पर तेल्हारा थाना के थानेदार को निलंबित कर दिया गया है।

 सूबेदार अजीत कुमार ने बिहार पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उनके और उनके परिवार, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों, के साथ अमानवीय व्यवहार और मारपीट शामिल है। इस मामले में तेल्हाड़ा थाना के प्रभारी राजेश कुमार ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है, और जांच के लिए आईजी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया गया है। 

नालंदा जिले के तेल्हाड़ा थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में सूबेदार अजीत कुमार, जो अमृतसर में सेना में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं, चैती छठ के अवसर पर अपने पैतृक गांव आए थे। जानकारी के अनुसार, पुलिस उनके भाई मंटू कुमार, जो गांव के सरपंच हैं, को एक रेप केस में गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी। मंटू उस समय घर पर मौजूद नहीं थे, जिसके बाद पुलिस और परिवार के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। आरोप है कि पुलिस ने बिना वारंट और पूर्व सूचना के दीवार फांदकर घर में घुसे। विरोध करने पर घर मौजूद लोगों को बेरहमी से पीटा।  

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अजीत कुमार का आरोप है कि पुलिस ने मंटू के न मिलने पर उनके परिवार के साथ अभद्र व्यवहार किया। पुलिस ने गाली-गलौज की और महिलाओं के साथ बदसलूकी की। इसका विरोध करने पर पुलिस ने धमकी दी और कुछ देर बाद डीएसपी-2 गोपाल कृष्ण के नेतृत्व में आधा दर्जन थानों की पुलिस बल के साथ वापस लौटी। इसके बाद पुलिस ने अजीत कुमार, उनकी पत्नी, भाभी, भतीजी, बहन और एक अन्य परिजन को जबरन घर से खींचकर मारा पीटा गया । पुलिस ने सभी को, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को, दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस घटना में परिवार के आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में कराया गया।

इस घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया। सेना की सेंट्रल कमांड (हेडक्वार्टर लखनऊ) ने बिहार पुलिस के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की। सेना के अधिकारियों ने नालंदा पुलिस के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की और बिहार के डीजीपी विनय कुमार से  इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की। सेना का कहना है कि एक जेसीओ और उनके परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह सेना और पुलिस के बीच आपसी सम्मान को भी ठेस पहुंचाता है। सेना ने डीजीपी को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

घटना के बाद बिहार पुलिस पर दबाव बढ़ा। सूबेदार अजीत कुमार और उनके परिवार की शिकायत के बाद तेल्हाड़ा थाना के एसएचओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही, इस मामले की जांच के लिए आईजी गरिमा मलिक को नियुक्त किया गया। आईजी ने तेल्हाड़ा पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी ली। पुलिस ने यह भी दावा किया कि अजीत कुमार और उनके भाई के बेटे पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस का यह कदम पीड़ित परिवार और सेना के गुस्से को शांत करने में नाकाफी साबित हुआ।

डीजीपी ने सेना को आश्वासन दिया कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। डीजीपी ने यह भी कहा कि पुलिस का मकसद कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, और इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं।बहरहाल इस मामले की जांच आईजी गरिमा मलिक के नेतृत्व में चल रही है। पुलिस ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए हैं, और घायलों का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है। सेना ने इस मामले को लेकर बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाए रखा है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले। दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में सभी तथ्यों की जांच कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।